(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) यमुना नदी और इसके प्रमुख नालों के किनारे वास्तविक समय वाले 32 जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी ताकि नदी में प्रवेश करने वाले प्रदूषकों के स्तर पर नजर रखी जा सके। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन निगरानी स्टेशन (ओएलएमएस) को चौबीसों घंटे जल गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों की निरंतर निगरानी और डीपीसीसी सर्वर पर संचारित करने के लिए डिजाइन किया गया है। उम्मीद है कि आंकड़े साल के अंत तक उपलब्ध हो जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के समान इस पहल पर लगभग 22 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ओएलएमएस जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी), कुल प्रसुप्त ठोस (टीएसएस), कुल नाइट्रोजन (नाइट्रेट और नाइट्राइट के रूप में), कुल फास्फोरस और अमोनिया जैसे मापदंडों की निगरानी करेगा।
सिरसा ने कहा कि सरकार ने पिछले साल यमुना के किनारे 14 और विभिन्न नालों पर 18 स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनके इस साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है और परियोजना के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ इससे विभिन्न नदी और नालों के स्थानों पर पानी की गुणवत्ता पर वास्तविक समय के आंकड़े प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के सटीक समय और स्थान की पहचान करना आसान हो जाएगा। ’’
ओएलएमएस के लिए प्रस्तावित स्थानों में पल्ला, आईएसबीटी पुल, आईटीओ पुल, निजामुद्दीन पुल, ओखला बैराज, नजफगढ़ नाला, मेटकाफ हाउस नाला, खैबर पास नाला और स्वीपर कॉलोनी नाला आदि शामिल हैं।
भाषा रवि कांत रवि कांत माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)