नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी शराब की दुकानों को आने वाले दिनों में मदिरा की संभावित कमी से निपटने के लिए पर्याप्त स्टॉक रखने का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी निजी शराब की दुकानें 30 सितंबर तक अपना कारोबार बंद कर देंगी।
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नई आबकारी नीति के तहत 30 सितंबर को शहर के करीब 260 निजी शराब के ठेके बंद हो जाएंगे। दिल्ली में कुल 850 शराब की दुकानों में से केवल दिल्ली सरकार की एजेंसियों द्वारा संचालित शराब दुकानें 16 नवंबर तक खुली रहेंगी।
खुली बोली के जरिए लाइसेंस हासिल करने वाले नए लोग 17 नवंबर से बाजार में आएंगे और 850 दुकानों का संचालन करेंगे।
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उपभोक्ताओं को शराब कमी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग पर एक निजी शराब की दुकान से कई शराब के शौकीनों को खाली हाथ लौटना पड़ा है। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया कि व्हिस्की या वोदका के ब्रांड वहां उपलब्ध नहीं है।
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शराब की कमी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह डेढ़ महीने का परिवर्तनकाल है जिसके बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी। हमने पहले ही 16 नवंबर तक शराब की दुकान चलाने वाली सरकारी एजेंसियों को मांग के मुताबिक स्टॉक रखने को कहा है।”
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दिल्ली शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा कि साकेत जैसे कुछ इलाकों में निजी शराब की दुकानों ने शेष स्टॉक बेचने के बाद अपनी दुकान पहले ही बंद कर दी है।
उन्होंने कहा, “शराब की कमी होना तय है क्योंकि निजी दुकानदारों के पास बेहतर स्टॉक हुआ करता था। शहर की सभी निजी दुकानों को एक साथ बंद करने से कमी पैदा होगी क्योंकि सरकारी दुकानें मांग को पूरा नहीं कर सकतीं हैं, क्योंकि वे भी 17 नवंबर से पहले अपनी दुकानें बंद करने की प्रक्रिया में हैं।”
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शहर में शराब की दुकानों में काम करने वालों का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली शराब बिक्री संघ के अध्यक्ष अमित शर्मा ने दावा किया कि निजी दुकानें बंद होने के बाद लगभग 3,000 लोगों की नौकरी चली गई है।