नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार 2025-26 के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत अपने सरकारी स्कूलों का सामाजिक ऑडिट करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित सभी अधिकार छात्रों को समय पर और समान तरीके से प्रदान किए जाएं।
शहर के लगभग 60 प्रतिशत सरकारी स्कूल ऑडिट के दायरे में होंगे।
शिक्षा निदेशालय के एक परिपत्र में कहा गया है कि यह केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
दिल्ली में 2025-26 के ऑडिट के लिए कुल बजट 3.73 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। चयनित संस्थान सामाजिक लेखा परीक्षकों को प्रशिक्षित करने, क्षेत्र का दौरा करने, रिपोर्ट तैयार करने और निष्कर्षों को ऑनलाइन अपलोड करने के लिए जिम्मेदार होगा।
सामाजिक ऑडिट उन विश्वविद्यालयों, कॉलेज या तकनीकी संस्थानों द्वारा किया जाएगा जिनकी राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद की रेटिंग ‘बी प्लस’ और उससे अधिक है।
परिपत्र के मुताबिक, ऑडिट का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम और समग्र शिक्षा के तहत उनके अधिकार निष्पक्ष रूप से और समय पर मिल रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि यह स्कूल के बुनियादी ढांचे जैसे कक्षाएं, शौचालय, पेयजल और बिजली आपूर्ति की स्थिति की भी जांच करेगा और छात्रों, विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा की समीक्षा भी करेगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सामाजिक ऑडिट से जमीनी स्तर पर उन मुद्दों की पहचान करने में मदद मिलने की उम्मीद है जो नियमित निगरानी के दौरान सामने नहीं आ पाते हैं। इससे सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिलेगी।’’
समग्र शिक्षा केंद्र प्रायोजित एक योजना है जिसे 2018 में प्राथमिक से 12वीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए शुरू किया गया था।
भाषा शफीक देवेंद्र
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