कुत्तों का प्रजनन कराने वालों के बारे में रुख स्पष्ट करे दिल्ली सरकार: उच्च न्यायालय

कुत्तों का प्रजनन कराने वालों के बारे में रुख स्पष्ट करे दिल्ली सरकार: उच्च न्यायालय

कुत्तों का प्रजनन कराने वालों के बारे में रुख स्पष्ट करे दिल्ली सरकार: उच्च न्यायालय
Modified Date: December 5, 2024 / 08:50 pm IST
Published Date: December 5, 2024 8:50 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में कुत्तों का प्रजनन करने वालों की मौजूदगी के बारे में रुख स्पष्ट करने के लिये कहा है।

कुत्तों के अवैध प्रजनन के दावों के मद्देनजर अदालत ने सरकार को यह निर्देश दिया है।

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार से एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिसमें बताया गया हो कि संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वाले पालतू जानवरों की दुकानों के मालिकों के खिलाफ क्या कार्रवाई प्रस्तावित है।

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पीठ ने कहा, ‘‘दलील दी गई है कि दिल्ली में कहीं कुत्तों का प्रजनन नहीं कराया जाता, इसलिए प्रजनन नियमों के तहत आगे कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है।’’

हालांकि, पीठ ने प्रतिवादी को दिल्ली में प्रजनन कराने वालों की मौजूदगी के बारे में अपना रुख स्पष्ट रूप से बताते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। साथ ही हलफनामे में यह बताने के लिए कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी प्रजनन कराने वाले का पता लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों के पंजीकरण के लिए कदम किया जा रहा है और 90 दिन में यह काम पूरा हो जाएगा।

अधिवक्ता ने कहा कि पंजीकरण के बाद संबंधित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे और यदि पंजीकृत या गैरपंजीकृत पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों में से कोई भी उल्लंघन करता पाया जाता है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मामले की अगली सुनवाई सात मई 2025 को होगी ।

भाषा रंजन जोहेब

जोहेब


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