उच्च न्यायालय का गौतम गंभीर के खिलाफ अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर रोक से इनकार
उच्च न्यायालय का गौतम गंभीर के खिलाफ अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर रोक से इनकार
नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण के आरोप में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने मामले में फिलहाल राहत देने से इनकार करते हुए गंभीर की याचिका पर 29 अगस्त को सुनवाई करने पर सहमति जताई। याचिका में, प्राथमिकी रद्द करने और 9 अप्रैल के उस आदेश को वापस लेने की मांग की गई है जिसमें अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी गई थी।
कार्यवाही पर रोक बहाल करने का अनुरोध कर रहे गंभीर के वकील से न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जब आपको रोक मिल जाती है, तो आप (अदालत में) पेश होना बंद कर देते हैं, जांच रुक जाती है, कुछ भी नहीं बचता और सब कुछ खत्म हो जाता है।’’
अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई ने अपने मुवक्किल के साक्ष्य साझा करते हुए कहा कि गंभीर एक पूर्व सांसद और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां दान करके लोगों की मदद की थी, जब पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी और यहां तक कि सरकार भी असमर्थ हो गई थी।
अदालत ने कहा कि ये बातें मामले के लिए महत्वहीन हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अगर आपने कोई साधारण सा अनुरोध किया होता, तो मैं उस पर विचार करता। आप मुझे बहुत सी बातें बताने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले, नाम (पक्ष का), उनकी विश्वसनीयता, उनके द्वारा किये गए काम… लेकिन यह काम नहीं करेगा।’’
वकील ने माफी मांगी और कहा कि वह नाम का उल्लेख करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं और अधीनस्थ अदालत में इस मामले की सुनवाई 8 सितंबर को होनी है।
इसलिए, उन्होंने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि या तो अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर रोक बहाल की जाए या उस तारीख से पहले उनकी याचिका पर सुनवाई की जाए, या उनके मुवक्किल की पत्नी और मां को तलब किया जाए।
वकील ने बताया कि केवल अभियोजन पर रोक लगाई गई है, लेकिन पुलिस अपनी जांच जारी रखने के लिए स्वतंत्र है।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष को नोटिस दिये बिना रोक वापस नहीं ली जा सकती।
देहाद्राई ने कहा, ‘‘मुझे सुने बिना ही रोक वापस ले ली गई। दूसरे पक्ष की ओर से रोक हटाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया गया था।’’
अदालत ने कहा कि जिस दिन रोक हटाई गई, उस दिन गंभीर के वकील पेश नहीं हुए और मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त के लिए तय की।
उच्च न्यायालय ने 20 सितंबर 2021 को, मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और गौतम गंभीर फाउंडेशन, गंभीर और उनके परिवार के सदस्यों की याचिका पर दिल्ली औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा था।
उन्होंने मामले में आपराधिक शिकायत और अधीनस्थ अदालत द्वारा पारित समन आदेश को चुनौती दी थी।
औषधि नियंत्रण विभाग ने गंभीर, उनके फाउंडेशन, इसकी सीईओ अपराजिता सिंह, उनकी मां सीमा गंभीर और पत्नी नताशा गंभीर (दोनों फाउंडेशन में ट्रस्टी हैं) के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।
भाषा
सुभाष माधव
माधव

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