नकली मलहम बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस ने दो करोड़ रुपये का सामान बरामद किया

नकली मलहम बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस ने दो करोड़ रुपये का सामान बरामद किया

नकली मलहम बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस ने दो करोड़ रुपये का सामान बरामद किया
Modified Date: December 14, 2025 / 07:35 pm IST
Published Date: December 14, 2025 7:35 pm IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने शेड्यूल-एच की नकली दवाओं के निर्माण, दोबारा पैक करने और देशव्यापी बिक्री में कथित रूप से शामिल एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने एक विनिर्माण इकाई का भी पता लगाया है और वहां से 2.3 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नकली दवाएं और कच्चा माल जब्त किया है।

पुलिस के मुताबिक इस मामले में (उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी गौरव भगत और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सबापुर निवासी श्री राम उर्फ ​​विशाल गुप्ता) दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम ने एक बयान में कहा, ‘यह अभियान अपराध शाखा द्वारा चलाया गया था। आरोपी चिकित्सकों द्वारा ज्यादातर लिखी जाने वाली मलहमों (जिनमें बेटनोवेट-सी और क्लोप-जी शामिल हैं) के नकली संस्करण बनाने और बेचने में लगे हुए थे। इन मलहमों का व्यापक रूप से त्वचा संक्रमण, एलर्जी और खेल से संबंधित चोटों के इलाज में उपयोग किया जाता है।’

अधिकारी ने आगे कहा कि नकली दवाओं को असली ब्रांडेड उत्पादों के रूप में बेचा जा रहा था, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो रहा था।

मिली सूचनाओं के आधार पर अपराध शाखा की टीम ने सबसे पहले देश के सबसे बड़े थोक दवा और सौंदर्य प्रसाधन बाजारों में से एक सदर बाजार के तेलिवारा में छापा मारा।

डीसीपी ने बताया, ‘छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली शेड्यूल-एच मलहम बरामद किए गए। इसके बाद किए गए तकनीकी विश्लेषण और प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर टीम गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के मीरपुर हिंदू गांव से संचालित एक विनिर्माण इकाई तक पहुंची।’

उन्होंने बताया, ‘परिसर की तलाशी के दौरान नकली दवाएं, भारी मात्रा में कच्चे रसायन, पैक करने वाली सामग्री, जाली ब्रांड लेबल वाली खाली ट्यूब और मलहम को मिलाने, भरने और सील करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी बरामद की गई।’

उन्होंने बताया कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों ने संबंधित दवा कंपनियों के अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मौके पर निरीक्षण किया और जब्त किए गए स्टॉक से नमूने लिए। उन्होंने पुष्टि की कि दवाएं नकली थीं और न तो उनकी कंपनियों द्वारा निर्मित की गई थीं और न ही उनकी आपूर्ति की गई थीं।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास दवा उत्पादों के निर्माण, भंडारण या बिक्री के लिए कोई वैध लाइसेंस भी नहीं था।

पुलिस ने बताया कि 12 दिसंबर को अपराध शाखा थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं और औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

उन्होंने कहा कि जांच जारी है।

भाषा

शुभम रंजन

रंजन


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