दिल्ली दंगा: अदालत ने युवक की मौत के मामले की जांच को लेकर पुलिस की खिंचाई की

दिल्ली दंगा: अदालत ने युवक की मौत के मामले की जांच को लेकर पुलिस की खिंचाई की

दिल्ली दंगा: अदालत ने युवक की मौत के मामले की जांच को लेकर पुलिस की खिंचाई की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: February 22, 2022 10:40 pm IST

नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान 23 वर्षीय एक युवक की मौत के मामले में जांच को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस की खिंचाई की और कहा कि एजेंसी द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट ”महत्वहीन” है।

दंगों के दौरान राष्ट्रगान गाने को मजबूर किए जाने के बाद कथित तौर पर युवक की हत्या कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पुलिस से मृतक फैजान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दर्ज घावों की संख्या बढ़कर 20 होने को लेकर भी पुलिस से सवाल पूछे क्योंकि इससे पहले मेडिकल रिपोर्ट में घावों की संख्या केवल तीन दर्ज की गई थी।

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यह घटना उस वायरल वीडियो से जुड़ी है जिसमें फैजान को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा पीटते हुए और उसे राष्ट्रगान गाने को मजबूर करते हुए देखा जा सकता है।

अदालत मृतक फैजान की मां किस्मतुन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके बेटे की मौत के मामले की जांच एसआईटी से कराने का अनुरोध किया गया है।

किस्मतुन की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर और सौतिक बनर्जी ने दावा किया कि पुलिस ने गैर-कानूनी तरीके से फैजान को हिरासत में रखा और उसकी हालत गंभीर होने के बावजूद उपचार उपलब्ध नहीं कराया, जिसके चलते 26 फरवरी 2020 को उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने सील बंद लिफाफे में अदालत में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है।

रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने कहा, ” यह रिपोर्ट महत्वहीन है और इसमें कुछ भी ठोस तरीके से नहीं कहा गया है।”

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च के लिए तय की है।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप


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