दिल्ली दंगा: उच्च न्यायालय ने हत्या मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली दंगा: उच्च न्यायालय ने हत्या मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली दंगा: उच्च न्यायालय ने हत्या मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: October 1, 2021 9:20 pm IST

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगों से जुड़े हत्या के मामले में एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया कि और कहा कि आरोप अभी तय किए जाने हैं और गवाहों से भी पूछताछ की जानी है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि इस स्तर पर आरोपी सिराजुद्दीन को जमानत देने का कोई आधार नहीं है और कहा कि उपलब्ध वीडियो फुटेज में उसे भीड़ का हिस्सा और डंडा ले जाते हुए देखा गया है।

मामला 24 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में एक स्थानीय राहुल सोलंकी की हत्या से संबंधित है।

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प्राथमिकी के अनुसार, दंगाइयों में से एक ने अपनी पिस्तौल तान दी थी और गोली सोलंकी के गले में जा लगी थी।

अदालत ने कहा कि आरोपी को भीड़ का सदस्य बताया गया है और यह उपलब्ध वीडियो फुटेज में दिखाई दे रहा था।

अदालत ने अपने 23 सितंबर के आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को उक्त भीड़ का सदस्य बताया गया है। शाम चार बजकर 15 मिनट तक उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, जहां भीड़ में शामिल लोगों में से एक व्यक्ति द्वारा वीडियो को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद, याचिकाकर्ता को भीड़ के एक हिस्से के रूप में देखा जा सकता है, जो डंडा लिए हुए है।’’

इसमें कहा गया है कि आरोपी की पहचान भी एक गवाह ने भीड़ में मौजूद लोगों में से एक के रूप में की थी।

न्यायाधीश ने कहा, ‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि फिलहाल आरोप तय होना बाकी है और महत्वपूर्ण गवाहों से भी पूछताछ की जानी है, इस अदालत को याचिकाकर्ता को जमानत देने का कोई आधार नहीं मिलता है।’

गौरतलब है कि उत्तर-पूर्व दिल्ली में 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पों के बाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 700 लोग घायल हुए थे।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश


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