शिक्षकों की समान वरिष्ठता नीति लागू करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय |

शिक्षकों की समान वरिष्ठता नीति लागू करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय

शिक्षकों की समान वरिष्ठता नीति लागू करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय

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Modified Date: May 17, 2025 / 07:20 PM IST
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Published Date: May 17, 2025 7:20 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) कॉलेज शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए एक समान नीति लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य अस्पष्टता को खत्म करना और संकाय नियुक्तियों एवं आंतरिक प्रशासन को सुव्यवस्थित करना है।

प्रस्ताव को 23 मई को होने वाली कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। कुलपति योगेश सिंह की अध्यक्षता वाली कार्यकारी परिषद विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक संस्था है।

वरिष्ठता निर्धारण के लिए एक मानकीकृत रूपरेखा के अभाव के चलते, विशेष रूप से सहायक प्रोफेसर (स्तर 10) के बीच, महाविद्यालयों में व्यापक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, विशेष रूप से पदोन्नति के मामले में, जब शैक्षिक समितियों और वैधानिक निकायों के लिए वरिष्ठतम संकाय सदस्यों को नामित किया जाता है।

सुधार की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए, विश्वविद्यालय ने इस मुद्दे की पड़ताल करने और एक सुसंगत नीति की सिफारिश करने के लिए जुलाई 2024 में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।

महाविद्यालयों के डीन की अध्यक्षता वाली इस समिति में डीयू के प्रमुख महाविद्यालयों के प्राचार्य, कार्यकारी और अकादमिक परिषदों के सदस्य और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के श्रेणीवार प्रतिनिधि शामिल थे। जुलाई 2024 और अप्रैल 2025 के बीच पांच बैठकें आयोजित करने और अध्यादेश 11 के तहत प्रावधानों की पड़ताल करने के बाद समिति ने सिफारिशें प्रस्तुत कीं।

प्रस्तावित नीति के अनुसार, जिन विभागों में नियुक्तियां पहले हुई हैं, उन्हें अन्य विभागों से वरिष्ठ माना जाएगा। इसमें कहा गया है कि किसी विभाग में, यदि चयन समिति द्वारा साझा वरिष्ठता सूची तैयार नहीं की जाती है, तो सभी श्रेणियों के सभी प्रथम स्थान प्राप्त संकाय सदस्यों को समान स्तर पर रखकर संकाय सदस्य की आयु के आधार पर वरिष्ठता निर्धारित की जाएगी।

यदि 23 मई को कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है, तो नयी नीति से संकाय वरिष्ठता के संबंध में लंबे समय से जारी अस्पष्टता और संस्थागत विवादों का समाधान होने की उम्मीद है।

यह डीयू के उसके संबद्ध महाविद्यालयों में समानता, दक्षता और सुशासन को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्यों का भी समर्थन करेगा।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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