जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होता: लोकसभा अध्यक्ष

जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होता: लोकसभा अध्यक्ष

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  • Publish Date - November 10, 2025 / 05:40 PM IST,
    Updated On - November 10, 2025 / 05:40 PM IST

कोहिमा, 10 नवंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, सोमवार को कहा कि सदन की कार्यवाही में जानबूझकर व्यवधान डालना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर को शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी।

विपक्ष ने सत्र की “संक्षिप्त” अवधि को लेकर सरकार पर हमला बोला है।

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष ने विशेष रूप से बिहार में मतदाता सूची के संशोधन का मुद्दा उठाया था, और हंगामे के कारण कार्यवाही बार बार बाधित होने की वजह से ज्यादा कामकाज नहीं हो पाया था।

सत्र की छोटी अवधि के बारे में पूछे गए सवाल पर बिरला ने कहा कि संसद सत्र बुलाना सरकार का विशेषाधिकार है और इसकी अवधि आधिकारिक एजेंडे पर निर्भर करती है।

उन्होंने कहा, “सत्र की अवधि पर निर्णय सरकार लेती है। हमारा प्रयास होगा कि हम सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करके सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाएं।”

लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसद जनता के मुद्दों को उठाने का मंच है और राजनीतिक दलों को इस मंच का सही ढंग से उपयोग करना चाहिए और व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा