रास में धनखड़ ने किया ऑटिज्म प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करने, उन्हें आगे बढ़ाने का आह्वान

रास में धनखड़ ने किया ऑटिज्म प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करने, उन्हें आगे बढ़ाने का आह्वान

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 02:47 PM IST,
    Updated On - April 2, 2025 / 02:47 PM IST

नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक ऐसा समाज बनाने का आह्वान किया जहां ऑटिज्म प्रभावित लोग गरिमा के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर मिल सकें।

बुधवार को उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने कहा कि आज दो अप्रैल है और संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को ‘विश्व ऑटिज्म दिवस’ घोषित किया है।

उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की समस्या से पीड़ित मानव संसाधन में प्रतिभा की कमी नहीं है और हमें जरूरत है उस प्रतिभा को निखारने के लिए उसे अवसर प्रदान करने की। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर न केवल उस व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ेगा, उसका विकास होगा बल्कि पूरे समाज का और देश का भी विकास होगा।

धनखड़ ने ऑटिज्म प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करने, उन्हें आगे बढ़ाने और उनके कल्याण के लिए सदन की प्रतिबद्धता दोहराई।

ऑटिज्म विकास संबंधी एक मानसिक समस्या है जो बातचीत करने और दूसरों से घुलने-मिलने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसकी वजह से प्रभावित व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता है।

सभापति ने सदन को यह भी बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत उच्च सदन में नियत कामकाज स्थगित कर कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए चार नोटिस मिले जिन्हें उन्होंने खारिज कर दिया है।

उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे शून्यकाल के दौरान आसन की अनुमति से इन मुद्दों को उठा सकते हैं।

भाषा

मनीषा माधव

माधव