यवतमाल, रायपुर के डीएम, एसपी सुनिश्चित करें कि रैलियों में नफरत भरे भाषण न दिए जाएं: न्यायालय |

यवतमाल, रायपुर के डीएम, एसपी सुनिश्चित करें कि रैलियों में नफरत भरे भाषण न दिए जाएं: न्यायालय

यवतमाल, रायपुर के डीएम, एसपी सुनिश्चित करें कि रैलियों में नफरत भरे भाषण न दिए जाएं: न्यायालय

:   Modified Date:  January 17, 2024 / 01:07 PM IST, Published Date : January 17, 2024/1:07 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के यवतमाल और छत्तीसगढ़ के रायपुर के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का बुधवार को निर्देश दिया कि उनके अधिकार क्षेत्रों में अगले सप्ताह होने वाली एक हिंदू संगठन और भाजपा विधायक टी राजा सिंह की रैलियों के दौरान कोई नफरत भरा भाषण न दिया जाए।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्धारित रैलियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि जिन पक्षकारों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप लगाए गए हैं, वे अदालत के समक्ष नहीं हैं।

पीठ ने दोनों जिलों के जिला मजिस्ट्रेट और एसपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रैलियों के स्थल पर रिकॉर्डिंग सुविधाओं के साथ सीसीटीवी कैमरे लगे हों, ताकि यदि कोई नफरत फैलाने वाले भाषण देता है तो उसकी पहचान की जा सके।

पीठ ने शाहीन अब्दुल्ला की लंबित याचिका से जुड़ी एक अर्जी पर यह आदेश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों के कई मामले सामने आए हैं।

अर्जी में कहा गया है कि यवतमाल जिले में 18 जनवरी को हिंदू जनजागृति समिति की रैली होने वाली है और इसमें नफरत भरे भाषण दिए जाने की आशंका है।

इसमें कहा गया है कि रायपुर जिले में सिंह की रैलियां 19 से 25 जनवरी तक निर्धारित हैं और इनमें भी नफरत भरे भाषण दिए जाने की आशंका है।

याचिकाकर्ता ने रैलियां आयोजित करने के लिए दी गई अनुमति को रद्द किए जाने का अनुरोध किया, जिसे पीठ ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस अदालत ने इस संबंध में पहले से ही दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश

 

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