आईजीएमसी शिमला में मरीज से हाथापाई में शामिल डॉक्टर सेवा से बर्खास्त

आईजीएमसी शिमला में मरीज से हाथापाई में शामिल डॉक्टर सेवा से बर्खास्त

आईजीएमसी शिमला में मरीज से हाथापाई में शामिल डॉक्टर सेवा से बर्खास्त
Modified Date: December 25, 2025 / 12:14 am IST
Published Date: December 25, 2025 12:14 am IST

शिमला, 24 दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में मरीज के साथ हाथापाई में शामिल एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर की सेवा बुधवार को समाप्त कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि ‘दुर्व्यवहार’ और ‘लोक सेवक के रूप में अशोभनीय आचरण’ में लिप्त पाए जाने के बाद डॉक्टर के खिलाफ यह कार्रवाई की गई।

सोमवार को हुई घटना की जांच के लिए गठित एक समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में दोनों पक्षों (शिमला में एक निजी अकादमी में पढ़ाने वाले मरीज अर्जुन सिंह और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरूला) को दोषी पाया गया।

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चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशक द्वारा बुधवार शाम जारी आदेश में कहा गया है, “मरीज और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर दोनों इस घटना के लिए जिम्मेदार थे, जो कदाचार, दुर्व्यवहार, एक लोक सेवक के लिए अशोभनीय कार्य और रेजिडेंट डॉक्टर नीति-2025 का उल्लंघन है।”

आदेश में कहा गया है कि इन तथ्यों के मद्देनजर, आईजीएमसी शिमला के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. राघव नरूला की सेवाएं रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी-2025 के खंड 9 के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।

साथ ही मरीज के तीमारदारों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

आईजीएमसी के पल्मोनरी वार्ड में सोमवार को हुई हाथापाई का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें डॉ. राघव मरीज अर्जुन के चेहरे पर मुक्का मारते हुए दिख रहे हैं। वहीं, मरीज अर्जुन डॉ. राघव को लात मारने की कोशिश करते नजर आ रहा है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों ने सोमवार शाम को नरूला को निलंबित कर दिया था।

भाषा आशीष पारुल

पारुल


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