आधी क्षमता से काम कर रहे उच्च न्यायालयों से सभी मामलों के जल्द निपटारे की उम्मीद न करें: शीर्ष अदालत

आधी क्षमता से काम कर रहे उच्च न्यायालयों से सभी मामलों के जल्द निपटारे की उम्मीद न करें: शीर्ष अदालत

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  • Publish Date - September 23, 2025 / 04:43 PM IST,
    Updated On - September 23, 2025 / 04:43 PM IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उच्च न्यायालय उसके पर्यवेक्षी नियंत्रण में नहीं हैं और यदि वे न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या की आधी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं, तो उनसे सभी मामलों का शीघ्रता से निस्तारण करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह टिप्पणी की तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय को मामले के शीघ्र निस्तारण का निर्देश देने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि यह मामला उच्च न्यायालय में 13 वर्षों से अधिक समय से लंबित है।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय इस अदालत के पर्यवेक्षी नियंत्रण में नहीं हैं।’’

वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही उच्च न्यायालय में मामले के शीघ्र निस्तारण के लिए दो अर्जियां लगा चुका है।

पीठ ने कहा, ‘‘अर्जी दायर करते रहिए’’, लेकिन अगर ‘‘उच्च न्यायालय न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या से आधी क्षमता के साथ काम कर रहा है, तो आप उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे सभी मामलों का आपकी इच्छानुसार तेजी से निस्तारण करें? पुराने मामले भी लंबित हैं। जाइए और अनुरोध कीजिए।’’

याचिका पर विचार करने से मना करते हुए, पीठ ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई और निस्तारण के लिए अर्जी दायर करने की अनुमति दी।

पीठ ने कहा कि ऐसी अर्जी दायर होने पर उस पर विचार किया जाएगा।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने वकील से कहा कि वह अपने वकालत के दिनों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कई वर्षों तक वकालत कर चुके हैं और जानते हैं कि मामले को सूचीबद्ध कराने के लिए कितना प्रयास करना पड़ता है।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, ‘‘दो अर्जियां कुछ भी नहीं हैं। मामले को सूचीबद्ध कराने के लिए आपको सैकड़ों अर्जियां दायर करनी पड़ सकती है।’’

कानून मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,122 है, लेकिन 1 सितंबर तक केवल 792 न्यायाधीश कार्यरत हैं और 330 पद रिक्त हैं।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप