कोलकाता, 14 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि संसदीय या विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच करते समय निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में ‘नियंत्रण एवं संतुलन’ की उचित व्यवस्था है।
अदालत ने निर्वाचन आयोग की इस दलील से भी सहमति जताई कि यदि शिकायत उचित रूप में प्राप्त होती है, तो निश्चित रूप से इसकी जांच की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने कहा कि संसदीय या विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार के नामांकन की जांच करते समय आयोग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में ‘नियंत्रण एवं संतुलन’ की उचित व्यवस्था है।
याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में इस तरह के सत्यापन के लिए एक नयी प्रक्रिया अपनाए जाने का अनुरोध किया।
खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यह एक विधायी कार्य है, जिसे न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए नहीं कर सकता है।
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सिम्मी सुभाष
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