निर्वाचन आयोग ने हमारी आशंकाओं को दूर नहीं किया, सीईसी का रवैया आक्रामक था : अभिषेक बनर्जी

निर्वाचन आयोग ने हमारी आशंकाओं को दूर नहीं किया, सीईसी का रवैया आक्रामक था : अभिषेक बनर्जी

निर्वाचन आयोग ने हमारी आशंकाओं को दूर नहीं किया, सीईसी का रवैया आक्रामक था : अभिषेक बनर्जी
Modified Date: December 31, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: December 31, 2025 7:42 pm IST

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उनकी चिंताओं को दूर करने में विफल रहा है और यदि अंतिम मतदाता सूची में ‘‘विसंगतियां’’ पाई जाती हैं तो पार्टी उसे स्वीकार नहीं करेगी।

बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उनकी पार्टी शासित पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की, जिसके बाद बनर्जी ने उक्त टिप्पणियां कीं।

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अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनावों में ‘वोट चोरी’ मतदाता सूची के माध्यम से हो रही थी, न कि ईवीएम के माध्यम से, और इस बात पर जोर दिया कि अगर विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को आक्रामक रूप से उठाया होता तो महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में वे जीत सकते थे।

बनर्जी ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग के समक्ष मतदाता सूची के मसौदे को लेकर कई चिंताएं उठाईं, जिनमें 1.36 करोड़ मतदाताओं को तलब करना भी शामिल था।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) का रवैया ‘‘आक्रामक’’ था।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने बात करना शुरू किया, तो वह (सीईसी) अपना आपा खोने लगे… मैंने कहा कि आप मनोनीत हैं, मैं निर्वाचित हूं… अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें फुटेज जारी कर देना चाहिए।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि आयोग ने उनकी आशंकाओं को दूर नहीं किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे एसआईआर पूरा होने के बाद अंतिम मतदाता सूची स्वीकार करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसमें विसंगतियां हैं, तो हम इसे क्यों स्वीकार करेंगे? हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।’’

अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि घुसपैठ का डर फैलाकर पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को चुनौती दी कि वह उन 58 लाख मतदाताओं में से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की सूची प्रस्तुत करे जिनके नाम मसौदा मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची का दुरुपयोग किया जा रहा है और सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों से मतदाता सूची पर ध्यान देने की अपील की।

तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘मैं सभी से अपील करता हूं, ‘वोट चोरी’ मतदाता सूची में हो रही है, ईवीएम के जरिए नहीं। आपको नहीं पता कि वे लोगों को मताधिकार से वंचित करने के लिए कौन सा एल्गोरिदम या सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे मतदाता सूची को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले मतदाता सरकार चुनते थे; अब सरकार मतदाताओं को चुन रही है।’’

भाषा शफीक संतोष

संतोष


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