कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री खाचरियावास समेत अन्य के कई परिसर पर ईडी की छापेमारी |

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री खाचरियावास समेत अन्य के कई परिसर पर ईडी की छापेमारी

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री खाचरियावास समेत अन्य के कई परिसर पर ईडी की छापेमारी

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Modified Date: April 15, 2025 / 05:13 PM IST
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Published Date: April 15, 2025 5:13 pm IST

जयपुर, 15 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को 48,000 करोड़ रुपये के पीएसीएल पोंजी ‘धोखाधड़ी’ से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास तथा कुछ अन्य के कई परिसर पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा खाचरियावास के जयपुर स्थित घर और एक अन्य व्यक्ति कुलवंत सिंह के घर समेत करीब 15 परिसर की तलाशी ली जी रही है। ईडी के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक सुरक्षा टीम तैनात की गई है।

उल्लेखनीय है कि 55 वर्षीय कांग्रेस नेता खाचरियावास, पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में परिवहन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। वे सिविल लाइंस (जयपुर) सीट से विधायक रहे हैं। वे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं।

यहां अपने पैतृक घर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में खाचरियावास ने कहा कि ईडी की कार्रवाई ‘राजनीति से प्रेरित’ है, क्योंकि वह (राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार) के खिलाफ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह ईडी से ‘डरते’ नहीं हैं।

धन शोधन मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की गई। यह मामला पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, पीएसीएल के दिवंगत प्रवर्तक निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ निवेशकों को धोखा देने के लिए ‘धोखाधड़ीपूर्ण’ निवेश योजनाएं चलाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।

ईडी के अनुसार, इन योजनाओं के माध्यम से, पीएसीएल और उसके निदेशकों ने निवेशकों को लगभग 48,000 करोड़ रुपये का ‘धोखा’ दिया। सूत्रों ने दावा किया कि कथित ‘अपराध की आय’ के खाचरियावास से जुड़ी संस्थाओं सहित अन्य संस्थाओं को प्राप्त होने का संदेह है।

ईडी की छापेमारी की खबर सामने आने पर खाचरियावास के समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे।

खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे परिसर की तलाशी के लिए नोटिस लेकर आए हैं। उन्होंने किसी कंपनी से संबंधित नोटिस नहीं दिया है। देश में कहीं भी परिसर की तलाशी ली जा सकती है, यह उनका अधिकार है। मैं न तो डरता हूं और न ही घबराता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई मुद्दा है, तो मैं जवाब दूंगा। मेरी ओर से छह वकील हैं।’

ईडी ने इस मामले में मार्च में भंगू की बेटी बरिंदर कौर, उसके पति हरसतिंदर पाल सिंह हेयर और उसके ‘करीबी सहयोगी’ मनोज कुमार के खिलाफ छापेमारी की थी।

इन छापेमारी से पहले एजेंसी ने हेयर को गिरफ्तार किया था। भंगू की पिछले साल अगस्त में मौत हो गई थी। एजेंसी ने ऑस्ट्रेलिया में 462 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियों सहित 706 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और पीएसीएल, भंगू और अन्य के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं।

खाचरियावास ने दावा किया कि ईडी उन्हें डराने के लिए उनके घर की तलाशी लेने आई थी।

उन्होंने कहा, ‘भाजपा अहंकारी है। केंद्र में उनकी 11 साल से सरकार है, राजस्थान में भी उनकी सरकार है। मैं उनके खिलाफ बोलता रहा हूं, इसलिए उन्होंने यह कार्रवाई की है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।’

खाचरियावास ने आरोप लगाया कि ईडी बिना किसी कारण के कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारे नेता राहुल गांधी को बुलाया। जब वे कोई कारण बताएंगे, तो मैं जवाब दूंगा। अभी तक ईडी ने तलाशी का कोई कारण नहीं बताया है।’

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को ईडी के जरिए राजनीति नहीं करनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनका किसी कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।

संघीय जांच एजेंसी इस मामले में अन्य स्थानों पर स्थित कुछ अन्य परिसर की तलाशी ले रही है।

खाचरियावास ने कहा कि वह संयुक्त परिवार में रहते हैं और इस तरह की हरकतें पूरे परिवार को परेशान करती हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं अब नया घर बनाऊंगा, उसका नाम ‘क्रांति हाउस’ रखूंगा और वहीं से विद्रोह शुरू करूंगा, ताकि मेरे परिवार को कोई परेशानी न हो।’

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने खाचरियावास के खिलाफ कार्रवाई को ‘राजनीतिक बदला’ करार दिया।

जूली ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास मुखरता से भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी से डरकर भाजपा सरकार ने केन्द्रीय एजेंसियों को उनके घर भेज दिया है। 2020 में भी उन्हें इसी तरह परेशान करने का प्रयास किया गया था।’’

उन्होंने लिखा,‘‘प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की जा रही यह कार्रवाई निंदनीय है।’

भाषा पृथ्वी

संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)