BJP को निर्वाचन आयोग ने दिया झटका, NAMO TV से सभी कंटेंट तत्काल हटाने के निर्देश

BJP को निर्वाचन आयोग ने दिया झटका, NAMO TV से सभी कंटेंट तत्काल हटाने के निर्देश

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  • Publish Date - April 11, 2019 / 05:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका दिया है। आयोग ने नमो टीवी से बिना इजाजत दिखाई जा रही कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया है। आयोग के निर्देश के मुताबिक नमो टीवी पर बिना इजाजत डाला गया पूरा कंटेंट हटाया जाएगा।

इससे पहले विपक्षी दलों की शिकायत के बाद नमो टीवी को लेकर जमकर बावल हुआ था। नाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जितनी भी रैलियां चल रही थीं उनका सीधा प्रसारण नमो टीवी पर हो रहा था। यह प्रसारण बिना किसी ब्रेक और बिना किसी अन्य प्रकार के रुकावट के हो रहा था। इसके अलावा इस पर पीएम मोदी के रिकॉर्डेड इंटरव्यू और पुरानी रैलियों को भी दिखाया जा रहा था।

गौरतलब है कि बुधवार को चुनाव आयोग ने नमो टीवी के प्रसारण पर भी रोक लगाने का आदेश दिया था। आयोग ने कहा था कि ऐसे किसी भी पोस्टर या संबंधित प्रचार सामग्री जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है, उसका आदर्श आचार संहिता वाले क्षेत्रों में इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारण नहीं होना चाहिए। साथ ही चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा था कि पाबंदी नमो टीवी पर भी लागू होगी जोकि मोदी की रैलियों और भाषणों के लिए समर्पित चैनल है।

आप और कांग्रेस ने शिकायत कर की थी कार्रवाई की मांग
नमो टीवी को लेकर नमो टीवी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से जानकारी मांगते हुए कहा था कि मार्च के अंत में लॉन्च हुए नमो टीवी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल किया गया और यह उनकी रैलियों और भाषणों के लिए समर्पित है। इस चैनल के द्वारा मोदी और भाजपा का प्रचार किया जा रहा है।

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मोदी ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
इस चैनल के लॉन्च के तत्काल बाद मोदी ने एक ट्वीट में यह कहते हुए एक चित्र साझा किया था कि चैनल पीएम मोदी के जोरदार चुनावी अभियान और ढेर सारी आकर्षक सामग्रियों को प्रसारित करेगा। मोदी के इस ट्वीट और नमो टीवी के आने के बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई और उसने (आचार संहिता लागू होने के बाद) नमो टीवी को एक राजनीतिक औजार के रूप में प्रमोट करने और अपने चुनावी अभियान के लिए सरकारी स्वामित्व वाले दूरदर्शन का इस्तेमाल करने के लिए मोदी और भाजपा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।