Election Commission Press Conference: राहुल गांधी के इस मांग पर चुनाव आयोग का करारा जवाब, कहा- ‘क्या हमें किसी की बहू-बेटी के CCTV वीडियो..
राहुल गांधी के इस मांग पर चुनाव आयोग का करारा जवाब, Election Commission's befitting reply to this demand of Rahul Gandhi
नई दिल्लीः Election Commission Press Conference: चुनाव आयोग ने देश की राजधानी दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के प्रोसेस पर उठाए गए सवालों और ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर जवाब दिए गए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी की तरफ से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। राहुल गांधी की ओर से फुटेज मांगने पर इलेक्शन कमीशन ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी इजाजत के मीडिया के सामने पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, के सीसीटीवी वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं।
‘सिर्फ भारतीय का ही बनेगा वोट’
Election Commission Press Conference: उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, सिर्फ भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं, किसी अन्य देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है। अगर ऐसे लोगों ने गणना फॉर्म भरा है, तो SIR प्रक्रिया में उनकी पात्रता साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी और ऐसे केस में गहन जांच के दौरान ऐसे लोग पाए जाएंगे जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और निश्चित तौर से उनका वोट नहीं बनेगा।
बंगाल में कब से रिवीजन?
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जहां तक पश्चिम बंगाल के SIR की तारीख का सवाल है तो हम तीनों कमिश्नर सही समय देखकर फैसला लेंगे, चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, आने वाले समय में इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी।
‘बेबुनियाद आरोपों से चुनाव आयोग डरने वाला नहीं’
उन्होंने कहा कि अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन न किया जाए और वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो यह तो गलत है। यह संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है। कुछ लोगों ने ऐसे ही बेबुनियाद आरोप लगाए। जब उनसे सबूत मांगे गए तो जवाब नहीं दिया गया। मतदाताओं के तस्वीरों का इस्तेमाल बिना उनकी इजाजत के किया गया, यह लोकतंत्र का अपमान नहीं तो और क्या है। ऐसे बेबुनियाद आरोपों से चुनाव आयोग डरने वाला नहीं है। विपक्ष चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में हम साफ कर देते हैं कि चुनाव आयोग बिना किसी डर के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों-वर्गों के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा।

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