महंगाई कम करने केंद्र सरकार ले सकती है बड़ा फैसला, सस्ते होंगे Electric Vehicle
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Electric Vehicles: नई दिल्ली। भारत में बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, भारत में लिथियम-आयन बैटरी पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती करने का फैसला लिया जा सकता है। इसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले टैक्स के बराबर किया जाने का निर्णय लिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) की कीमतों में कमी आ सकती है। इससे भारत सरकार के ग्रीन मॉबिलिटी की योजना को बढ़ावा मिल सकेगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
भारत सरकार की योजना को मिलेगा बढ़ावा
मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार की इस योजना को आगे बढ़ाने के तरीकों पर केंद्र सरकार के विभिन्न हितधारकों के बीच चर्चा शुरू हो गई है, जो देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए जरूरी है। बता दें मौजूदा समय में EV (Electric Vehicle) पर 5% टैक्स लगाया जाता है, जबकि लिथियम-आयन बैटरी पर 18% टैक्स लगाया जाता है। पहले लीथियम-आयन बैटरी पर टैक्स रेशनलाइजेशन पर विचार किया गया है, लेकिन बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी को आगे बढ़ाने के साथ, बातचीत ने फिर से गति पकड़ ली है।
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मंगलवार को निति आयोग ने बुलाई थी बैठक
बताया जा रहा है कि नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारी उद्योग और अन्य सरकारी विभागों के नीति आयोग ने मंगलवार को बैटरी-स्वैपिंग नीति पर अपनी पहली बैठक की गई। इसके बाद 5 जून तक पॉलिसी के ढांचे पर सुझावों और सिफारिशों की प्राप्ति हुई। मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि टैक्स को युक्तिसंगत बनाने के साथ-साथ इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए बैटरियों का मानकीकरण भी बैठक के एजेंडे में था। हालांकि, नीति आयोग, GST के मुद्दे पर ज्यादा विचार नहीं करेगा, क्योंकि यह वित्त मंत्रालय के दायरे में आता है।
2018 में घटाया गया था टैक्स
बता दें परिषद ने 2018 में लिथियम-आयन बैटरी पर GST दर को 28 फिसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया था। जिसके बाद अब EV (Electric Vehicle) इकोसिस्टम पर अधिक जोर देने और अधिक वाहन निर्माता मैदान में प्रवेश करने के साथ, बैटरी और ईवी के बीच कीमत समानता के लिए एक नए सिरे से विचार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सिर्फ 5% ही टैक्स लगाया जाता है। इस मामले में GST काउंसिल फैसला लेगी।

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