एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला: न्यायालय सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर विचार करेगा

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला: न्यायालय सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर विचार करेगा

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला: न्यायालय सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर विचार करेगा
Modified Date: August 8, 2025 / 04:49 pm IST
Published Date: August 8, 2025 4:49 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बार-बार स्थगन का संज्ञान लिया और एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ को गाडलिंग के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने सूचित किया कि उनके मुवक्किल 6.5 साल से जेल में हैं।

ग्रोवर ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में जमानत याचिका 11 बार स्थगित हो चुकी है।’’

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प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।’’

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने मामले में गिरफ्तार गाडलिंग और सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति जगताप की जमानत पर सुनवाई 27 मार्च को स्थगित कर दी थी।

इसने सामाजिक कार्यकर्ता महेश राउत को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका को भी स्थगित कर दिया।

गाडलिंग पर माओवादियों को सहायता प्रदान करने और मामले में फरार आरोपियों सहित कई सह-आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।

उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

भाषा शफीक रंजन

रंजन


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