भारत में सिंचाई पर जोर देने से उमस वाली गर्मी से प्रभावित होने का बढ़ रहा जोखिम : अध्ययन

भारत में सिंचाई पर जोर देने से उमस वाली गर्मी से प्रभावित होने का बढ़ रहा जोखिम : अध्ययन

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  • Publish Date - October 27, 2020 / 01:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) शोधकर्ताओं ने कहा है कि भारत में सिंचाई पर जोर देने से वातावरण में नमी का स्तर बढ़ रहा है और गर्मी की ऐसी स्थिति पैदा होने का जोखिम बढ़ रहा है जिसमें आसानी से लोगों के शरीर का तापमान कम नहीं होता है।

जर्नल ‘नेचर जियोसाइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारत में पिछले दशकों में सिंचाई का क्षेत्र दोगुणा हो गया है और शरीर का तापमान बढ़ जाने और खुद से इसके कम नहीं होने का संबंध मृत्युदर से भी है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में तापमान और बढ़ने की आशंका है और इससे दक्षिण एशिया के करीब 4.6 करोड़ लोग खासकर घर के बाहर काम करने वाले लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। अध्ययन करने वाले इस दल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर के विमल मिश्रा भी शामिल थे।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में लिखा है, ‘‘जलवायु का गर्म होना और सिंचाई दोनों भारत के विभिन्न हिस्सों में उमस वाली गर्मी बढ़ाने में भूमिका निभाएगी।’’

अध्ययन में मिश्रा और उनके सहयोगियों ने शुष्क और उमस वाली गर्मी पर सिंचाई के प्रभाव का विश्लेषण किया । शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि सिंचाई से जमीन की सतह तो ठंडी रहती है लेकिन इससे नमी का स्तर काफी बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में सिंचाई पद्धति पर जोर देने से उमस वाली गर्मी बढ़ जाती है और इसका संबंध स्थानीय क्षेत्र और पड़ोसी देशों -पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में मानव स्वास्थ्य से जुड़े खतरे को बढ़ा देता है ।

भाषा आशीष माधव

माधव