दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, विषय के ज्ञान और कौशल पर है जोर

दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, विषय के ज्ञान और कौशल पर है जोर

दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, विषय के ज्ञान और कौशल पर है जोर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: July 20, 2021 1:07 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) डिजिटिल माध्यम से विद्यार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोलने के लिए तैयार है। वहीं, विश्वविद्यालय की कुलपति निहारिका वोहरा ने कहा कि उनके संस्थान का लक्ष्य विद्यार्थियों को न केवल विषय की जानकारी देना है बल्कि उन्हें कुशल भी बनाना है।

इस विश्वविद्यालय की स्थापना दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020 में की थी और इसमें डिजिटल प्रयोगशाला की व्यवस्था की गई है ताकि विद्यार्थियों की महामारी की वजह से प्रायोगिक कक्षाएं नहीं छूटे।

वोहरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में बताया कि पाठ्यक्रम सलाकार समूह में आईआईटी और ट्रिपल आईटी के विशेषज्ञ बतौर सदस्य शामिल हैं और पाठ्यक्रमों को बनाने में अपने सुझाव दे रहे हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने उद्योगों के साथ सबसे पहले इस विषय पर काम किया कि उन्हें किस तरह के कामगार चाहिए जो उन्हें नहीं मिलते। उदाहरण के लिए अगर साधारण बीए या बीकॉम में स्नातक कर कोई विद्यार्थी बैंक से जुड़ता है, तो उन्हें डेढ साल के प्रशिक्षण पर भेजना होता है लेकिन हमारे पास पाठ्यक्रम है जो विद्यार्थियों को बीए की पढ़ाई के साथ बीमा सहित वित्त क्षेत्र की सभी जानकारी देगा।’’

पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया पर वोहरा ने बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए 1000 से अधिक घंटे व्यय किए जबकि शिक्षाविदों ने करीब 1,800 घंटे मंथन किया जिसका मतलब है कि 3,000 घंटे पाठ्यक्रमों को ‘अद्यतन’ करने और ‘उद्योगों के अनुकूल’ बनाने के लिए व्यय किए है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थियों को अच्छी डिग्री मिले।

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रमों के अलावा विद्यार्थियों में रोजगार योग्य कुशलता जैसे अंग्रेजी भाषा का ज्ञान, शिष्टाचार और आलोचनात्मक सोच आदि भी विकसित करने की कोशिश की जाएगाी।

कुलपति ने कहा, ‘‘प्रत्येक समिति के पास चार से पांच महीने का समय है। हमने फरवरी में काम शुरू किया था और कक्षाएं शुरू होने तक पाठ्यक्रम तैयार हो जाएंगे। 10 और 12वीं कक्षा के नतीजे आने के बाद सीटों को भरा जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा समय में, विद्यार्थी विश्वविद्यालय के बारे में जानने के लिए संपर्क कर रहे हैं और उनमें से कुछ पंजीकरण फार्म भर रहे हैं। हमारी वेबसाइट पर रोजाना करीब 30 हजार लोग आ रहे हैं। कम से कम पांच हजार आवेदन भरे जा चुके हैं जबकि 16 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन पूर्ण नहीं किया है। हमारे पाठ्यक्रम में 60 प्रतिशत हिस्सा प्रशिक्षण होगा जबकि 40 प्रतिशत हिस्सा सैद्धांतिक होगा।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश


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