‘दुश्मन देश’ जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने के लिए लगातार आतंकवादी भेज रहा है : मनोज सिन्हा

‘दुश्मन देश’ जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने के लिए लगातार आतंकवादी भेज रहा है : मनोज सिन्हा

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  • Publish Date - April 13, 2025 / 08:25 PM IST,
    Updated On - April 13, 2025 / 08:25 PM IST

राजौरी, 13 अप्रैल (भाषा)जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि ‘दुश्मन देश’ जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने के लिए लगातार आतंकवादी भेज रहा है।

सिन्हा ने कहा कि विकास तभी संभव होगा जब क्षेत्र में शांति और स्थिरता होगी। उन्होंने लोगों से आतंकवाद को खत्म करने में सुरक्षा बलों की मदद करने को कहा।

राजौरी दिवस के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने उन बहादुर सैनिकों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1948 में इसी दिन सीमावर्ती जिले की मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

इस कार्यक्रम में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (उत्तरी कमान) लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार, जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पीके मिश्रा, सेना के पूर्व अधिकारी, जन प्रतिनिधि और वरिष्ठ सुरक्षा बल, पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।

सिन्हा ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए समाज के सभी वर्गों से विभाजनकारी ताकतों की पहचान करने और उन्हें अलग-थलग करने तथा आतंकवादी तंत्र के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया।

उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘आज हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। दुश्मन लगातार आतंकवादियों को भेजकर हमारी शांति को भंग करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस को जनता के साथ मिलकर आतंकवादियों और उनके समर्थकों का पूरी तरह से सफाया करने के लिए काम करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सामूहिक ताकत दुश्मनों और आतंकवादियों का सफाया करने के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करेगी व शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।’’

उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘गुरु गोविंद सिंह जी ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उनकी अमर शिक्षाएं हमारे वीर सैनिकों का निरंतर मार्गदर्शन कर रही हैं। उनके दर्शन और मूल्य भारतीय सेना के वीर सैनिकों को आकार देते हैं और उन्हें त्याग, समर्पण, वीरता और बलिदान के लिए प्रेरित करते हैं।’’

इस अवसर पर राजौरी की मुक्ति के 77 गौरवशाली वर्षों की याद में एक विशेष डाक कवर जारी किया गया।

भाषा धीरज नरेश

नरेश