देश में हर 25 मिनट में एक शादीशुदा महिला कर रही है आत्महत्या, सामने आ रहीं ये बड़ी वजहें

भारत में आत्महत्या करने वाली शादीशुदा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 22,372 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी

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  • Publish Date - December 27, 2021 / 12:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

sucide case in india

नईदिल्ली। भारत में आत्महत्या करने वाली शादीशुदा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 22,372 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यह हर दिन औसतन 61 यानी हर 25 मिनट में एक आत्महत्या के बराबर है।

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साल 2020 में देश में दर्ज की गई कुल 1,53,052 आत्महत्याओं में से 14.6 फीसदी आत्महत्याएं शादीशुदा महिलाओं ने की थी। आत्महत्या करने वाली कुल महिलाओं में शादीशुदा महिलाओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा थी।

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विश्व स्तर पर, भारत में आत्महत्या की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। दुनियाभर में आत्महत्या करने वाले पुरुषों की संख्या में भारतीय पुरुषों की संख्या एक चौथाई है जबकि 15-39 आयु वर्ग में दुनिया भर में आत्महत्या करने वाली महिलाओं में 36 फीसदी महिलाएं भारतीय होती हैं।

जानकार और महिला अधिकार समूह इस प्रवृत्ति के लिए घरेलू हिंसा, कम उम्र में विवाह और मातृत्व के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता की कमी जैसे कई कारणों की ओर इशारा करते हैं। इस स्थिति को कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लगे लॉकडाउन ने और बढ़ा दिया है जिसकी वजह से सार्वजनिक समारोहों में आने-जाने और अपनी बातें साझा करने के लिए अन्य महिलाओं से जुड़ने के मौके कम हो गए।

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घरेलू हिंसा के मामलों में कई महिलाएं खुद पर हो रहे अत्याचारों के बावजूद फंसी रहीं, सुसाइड प्रिवेंशन इंडिया फाउंडेशन के अनुसार “कोविड के दौरान घरेलू हिंसा में वृद्धि देखी गई और सुरक्षा जाल के साथ-साथ अन्य सुरक्षात्मक कारक कम हुए। नौकरी छूटने के कारण गृहणियों में स्वायत्तता कम थी और इससे अधिक काम, कम आराम और खुद के लिए समय मिलता था”