दाखिले में ईडब्ल्यूएस कोटा जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर लागू नहीं होगा : अदालत को कहा गया |

दाखिले में ईडब्ल्यूएस कोटा जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर लागू नहीं होगा : अदालत को कहा गया

दाखिले में ईडब्ल्यूएस कोटा जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर लागू नहीं होगा : अदालत को कहा गया

:   Modified Date:  April 18, 2023 / 08:21 PM IST, Published Date : April 18, 2023/8:21 pm IST

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उसे 2011 में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान घोषित किया गया था और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान उस पर लागू नहीं होगा।

शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए नामांकन के समय ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने की खातिर निर्देश दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका में विश्वविद्यालय की ओर से मौखिक दलीलें दी गईं।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए विश्वविद्यालय को दो हफ्ते का समय दिया। मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

कानून की छात्रा आकांक्षा गोस्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय को संविधान (103वां संशोधन) कानून, 2019 के संदर्भ में शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 से नामांकन के समय ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए सीट आरक्षित करनी चाहिए। इस कानून के तहत उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज ने दलील दी कि जामिया एक केंद्रीय विश्वविद्यालय हो सकता है या अल्पसंख्यक संस्थान लेकिन वह दोनों नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि नामांकन प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई है और यह सितंबर तक चलेगी।

विश्वविद्यालय के स्थायी वकील प्रीतीश सभरवाल ने दलील दी कि 2011 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग द्वारा एक आदेश पारित किया गया था, जिसमें जामिया को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2019 में एक अधिसूचना जारी की थी कि शिक्षण संस्थानों में दाखिले में ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान संबंधी कार्यालय ज्ञापन अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू नहीं होगा।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने याचिका पर जामिया, शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को नोटिस जारी कर उनसे अपना जवाब देने को कहा था।

भाषा अविनाश दिलीप

दिलीप

 

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