भाषाई अल्पसंख्यक स्कूल के छात्रों को तमिल भाषा पेपर देने से छूट एक वर्ष के लिए बढ़ायी

भाषाई अल्पसंख्यक स्कूल के छात्रों को तमिल भाषा पेपर देने से छूट एक वर्ष के लिए बढ़ायी

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  • Publish Date - February 6, 2023 / 09:47 PM IST,
    Updated On - February 6, 2023 / 09:47 PM IST

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में तमिल भाषा का पेपर देने से मिली छूट सोमवार को एक साल के लिए बढ़ा दी।

शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के सितंबर 2019 के एक आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उक्त आदेश में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में छात्रों को तमिल भाषा का पेपर देने से छूट देने के दिशा-निर्देशों को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उस अंतरिम व्यवस्था को एक वर्ष के लिए बढ़ाया जाता है जिसका उल्लेख उच्च न्यायालय के उस आदेश में किया गया है, जिसमें भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अकादमी वर्ष 2020 से 2022 तक कक्षा 10 परीक्षा में बैच-1 के तहत तमिल भाषा के पेपर देने से छूट दी गई थी।

पीठ ने मामले की सुनवायी 11 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टाल दी।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे टुकड़ों में नहीं कर सकते। हमें इसे सुनना होगा। आपके पास कुछ अंतरिम व्यवस्था है … आप इसे एक साल तक जारी रखें।’’

उच्च न्यायालय ने सितंबर 2019 में कहा था कि 18 जुलाई, 2016 का सरकारी पत्र, जिसमें छात्रों को कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में तमिल भाषा का पेपर देने से छूट देने के दिशानिर्देश शामिल थे, को रद्द नहीं किया जा सकता।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था कि भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों में छात्रों को 2020-2022 शैक्षणिक वर्षों के लिए कक्षा 10 की परीक्षा में तमिल भाषा का पेपर लिखने से छूट दी जाए।

भाषा अमित रंजन

रंजन