निर्धारित समय सीमा के भीतर 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लाई जाए: संसदीय समिति

निर्धारित समय सीमा के भीतर 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लाई जाए: संसदीय समिति

निर्धारित समय सीमा के भीतर 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लाई जाए: संसदीय समिति
Modified Date: March 10, 2025 / 10:43 pm IST
Published Date: March 10, 2025 10:43 pm IST

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) रेलवे संबंधी स्थायी समिति ने सोमवार को लोकसभा में प्रस्तुत की गई अपनी दूसरी रिपोर्ट में कहा कि रेल मंत्रालय को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चिह्नित 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लानी चाहिए तथा नियमित निगरानी के जरिए तय समय सीमा के भीतर इन्हें पूरा करना चाहिए।

‘रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों (2024-25)’ पर समिति की पहली रिपोर्ट (अठारहवीं लोक सभा) में निहित टिप्पणियों और सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर दूसरी रिपोर्ट में, स्थायी समिति ने पाया कि मंत्रालय ने अपनी आय को बढ़ाने के लिए कई पहल की है। जैसे कि वंदे भारत और अमृत भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें शुरू करना, ‘फ्लेक्सी-फेयर’ (मांग के अनुसार किराया वृद्धि) योजनाओं को युक्तिसंगत बनाना और माल ढुलाई तथा गैर-किराया राजस्व का विस्तार करना।

समिति की पहली रिपोर्ट, जिसे लोकसभा में प्रस्तुत किया गया और राज्यसभा में 13 दिसंबर 2024 को प्रस्तुत किया गया, में 14 टिप्पणियां/सिफारिशें शामिल थीं।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने 11 फरवरी 2025 को रिपोर्ट में शामिल सभी टिप्पणियों/सिफारिशों पर अपनी कार्रवाई संबंधी टिप्पणियां प्रस्तुत कीं।

रेलवे के नगण्य शुद्ध राजस्व पर इसकी प्रतिक्रिया का अवलोकन करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रेलवे को कम आय वाले यात्रियों को ध्यान में रखते हुए शुद्ध राजस्व बढ़ाने के लिए एक व्यापक, बहुआयामी रणनीति अपनानी चाहिए।

समिति ने यह भी कहा कि ‘‘सामाजिक दायित्वों को संतुलित करने के लिए भारतीय रेलवे को उपनगरीय और गैर-एसी डिब्बों में यात्रा के लिए सब्सिडी जारी रखनी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘रेल मंत्रालय द्वारा अब तक की गई प्रगति की सराहना करते हुए समिति आग्रह करती है कि रेल मंत्रालय अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चिह्नित किये गए 1,337 स्टेशनों के आधुनिकीकरण में तेजी लाए तथा नियमित निगरानी के माध्यम से निर्धारित समय सीमा के भीतर इसे पूरा करना सुनिश्चित करे।’’

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप


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