Fact Check: पहली बार सेना भर्ती में पूछी जा रही है जाति? सोशल मीडिया में मचा बवाल, जानें क्या है सच

PIB Fact Check: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले में ट्वीट कर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है।

Fact Check: पहली बार सेना भर्ती में पूछी जा रही है जाति? सोशल मीडिया में मचा बवाल, जानें क्या है सच

MP government will give one crore rupees to the Army Officers

Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: July 20, 2022 3:33 am IST

नई दिल्ली। Caste in Army Bharti 2022 : अग्निवीर योजना को लेकर देश में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ है। बावजूद नोटिफिकेशन जारी हो गया है। इसके बाद अब नया विवाद जाति को लेकर खड़ा हो गया है। दरअसल भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र मांगने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले में ट्वीट कर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है। >>*IBC24 News Channel केWhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिएयहां Click करें*<< 〉

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PIB Fact Check : जिस पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया भी आने लगी है। इस बीच इसी बीच सरकार की ओर इस मामले पर सफाई आई है। उन्होंन इस दावे को फर्जी बता दिया है। जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया में एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ के तहत मांगे गए आवेदनों में आवेदकों से जाति और धर्म प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा गया था।

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इस मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को सेना में भर्ती होने के काबिल नहीं मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी आपको अग्निवीर बनाना है, या जातिवीर।

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यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया भी दी है। इसे लेकर पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने पड़ताल की। जिसमें इस दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। पीआईबी का कहना है कि सेना भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र दिखाने का प्रावधान पहले से ही है। इसमें विशेष रूप से अग्निपथ के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीआईबी ने बताया जाति प्रमाणपत्र को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह प्रावधान पहले से की मौजूद था।

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