तेलंगाना में गिग वर्कर्स कल्याण कोष में भुगतान में विफल रहने पर हो सकती है सजा: मसौदा विधेयक |

तेलंगाना में गिग वर्कर्स कल्याण कोष में भुगतान में विफल रहने पर हो सकती है सजा: मसौदा विधेयक

तेलंगाना में गिग वर्कर्स कल्याण कोष में भुगतान में विफल रहने पर हो सकती है सजा: मसौदा विधेयक

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Modified Date: April 15, 2025 / 01:38 PM IST
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Published Date: April 15, 2025 1:38 pm IST

(इंट्रो में फेरबदल के साथ रिपीट)

हैदराबाद, 15 अप्रैल (भाषा) तेलंगाना में बहुत जल्द ऐसी व्यवस्था होने जा रही है जहां तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड’ को कल्याण निधि शुल्क का भुगतान करने में विफल रहने पर एग्रीगेटर को एक साल तक की सजा या दो लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

इसका प्रावधान तेलंगाना सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड’ शीर्षक वाले मसौदा विधेयक में किया गया है।

मसौदा विधेयक में कहा गया है कि सरकार एग्रीगेटर या मंच से प्रत्येक लेनदेन में श्रमिकों को किए जाने वाले भुगतान का 1-2 प्रतिशत या जैसा अधिसूचित किया जाएगा, ‘तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स वेलफेयर फंड फीस’ वसूल करेगी।

मसौदा विधेयक में एग्रीगेटर के लिए यह अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है कि वे कानून के लागू होने की तारीख से साठ दिनों के भीतर बोर्ड को अपने साथ जुड़े या पंजीकृत सभी गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों का डेटाबेस उपलब्ध कराएं।

इसमें कहा गया है, ‘‘यदि कोई व्यक्ति, एग्रीगेटर/मंच/प्राथमिक नियोक्ता/कंपनी आदि होने के नाते, कल्याण निधि शुल्क का भुगतान करने में विफल रहता है, जिसे वह इस अधिनियम, नियमों, विनियमों या इसके तहत बनाई गई योजनाओं के तहत भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, तो उसे एक वर्ष तक की सजा या 2 लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।’’

इसमें कहा गया है, यदि कोई एग्रीगेटर प्रस्तावित अधिनियम के तहत अपेक्षित कोई रिटर्न, रिपोर्ट, विवरण या अन्य जानकारी प्रस्तुत करने में विफल रहता है या इनकार करता है तो उस पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस मसौदा विधेयक पर लोगों की राय लें और सुझाव, सिफारिशें और आपत्तियां लेने के बाद इसे अंतिम रूप दें, जिसका उद्देश्य गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहा गया है ताकि मसौदा विधेयक को मई दिवस (एक मई) या अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर लागू किया जा सके। साथ ही यह रेखांकित किया गया है कि यह 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी का चुनावी वादा था।

बोर्ड का नेतृत्व तेलंगाना के श्रम मंत्री करेंगे, जिसमें प्लेटफार्म और श्रमिकों, दोनों का प्रतिनिधित्व होगा।

भाषा अमित नरेश

नरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)