दिल्ली-एनसीआर में नकली घरेलू सामान के रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
दिल्ली-एनसीआर में नकली घरेलू सामान के रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांड के नकली लेबल के तहत घरेलू सामान और खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण और बिक्री में शामिल एक कथित आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) विक्रम सिंह ने एक बयान में बताया कि इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी पहचान नितिन कुमार (38), रजत सिंघल (38), सुरेंद्र गुर्जर (45) और मुजाहिद (38) के रूप में हुई है। इन्हें पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में नकली उत्पादों की खेप प्राप्त करते समय पकड़ा गया।
इसके अलावा पुलिस ने बड़ी मात्रा में नकली ब्रांड की ‘फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स’ (एफएमसीजी) जब्त किया है।
बयान के अनुसार, ‘यह गिरोह बाजार में नकली खाद्य सामग्री और एफएमसीजी उत्पाद बेचकर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा था और प्रतिष्ठित कंपनियों को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा था।’
उसके मुताबिक, पुलिस को यह सूचना मिली थी कि एक गिरोह नकली घी, पाचन उत्पाद, मच्छर भगाने वाले उत्पाद, बाल हटाने वाली क्रीम और आयोडीन युक्त नमक की बड़े पैमाने पर बिक्री में लगा हुआ है जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने 29 दिसंबर को उत्तम नगर में मेट्रो पिलर संख्या 680 के पास निगरानी की।
पुलिस ने बताया कि दोपहर करीब 2:15 बजे संदिग्धों को उन वाहनों के साथ रोका गया और वाहनों की तलाशी लेने पर भारी मात्रा में नकली सामान बरामद किया गया।
इसी के साथ संबंधित कंपनियों के अधिकृत प्रतिनिधियों जब्त उत्पादों के नकली होने की पुष्टि की है।
डीसीपी ने बताया, ‘पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी नितिन कुमार ने खुलासा किया कि कंझावला औद्योगिक क्षेत्र में नकली घी बनाने की एक अवैध इकाई चल रही थी। यहां छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकली घी, पैकेजिंग और सीलिंग मशीनें, जाली रैपर और निर्माण प्रक्रिया में उपयोग होने वाला अन्य कच्चा माल बरामद हुआ। इस फैक्ट्री के संचालन के लिए कोई भी वैध लाइसेंस या दस्तावेज पेश नहीं किए गए।’
उन्होंने बताया कि निलोठी एक्सटेंशन और निहाल विहार स्थित परिसरों में भी तलाशी ली गई, जहां नकली आयोडीन युक्त नमक के अवैध भंडारण और रिर्पैकिंग का काम किया जा रहा था।
इन सामग्रियों को पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के गोदामों में रखा जाता था और किसी को संदेह न हो इससे बचने के लिए टेम्पो और डिलीवरी एजेंटों के माध्यम से इसे ले जाया जाता था ताकि इसे स्थानीय बाजारों में असली उत्पादों की तुलना में सस्ते दामों पर बेचा जा सके।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
भाषा प्रचेता रंजन
रंजन

Facebook



