किसान आंदोलन: पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के आंसू गैस छोड़ने से किसान की मौत |

किसान आंदोलन: पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के आंसू गैस छोड़ने से किसान की मौत

किसान आंदोलन: पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के आंसू गैस छोड़ने से किसान की मौत

:   Modified Date:  February 21, 2024 / 08:18 PM IST, Published Date : February 21, 2024/8:18 pm IST

चंडीगढ़, 21 फरवरी (भाषा) हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा पर किसानों द्वारा अवरोधक तोड़ने के प्रयासों को विफल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जिससे एक किसान की मौत हो गई और अन्य कुछ लोग घायल हो गए।

किसानों ने अपना ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन फिर से शुरू कर दिया है।

किसान नेताओं ने गतिरोध को तोड़ने के लिए दोनों पक्षों के बीच चौथे दौर की वार्ता में सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और घोषणा की थी कि इन दोनों सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए पंजाब के हजारों किसान बुधवार सुबह अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिन में किसानों के साथ आगे की बातचीत का आह्वान किया और आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। मुंडा किसान नेताओं के साथ बातचीत करने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों में से एक हैं।

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि पीड़ित की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बालोके गांव के निवासी शुभकरण सिंह(21) के रूप में की गई है।

पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एचएस रेखी ने संवाददाताओं से कहा कि तीन लोगों को खनौरी सीमा बिंदु से अस्पताल लाया गया था जिनमें से एक की मृत्यु हो चुकी थी। मृतक के सर पर चोट लगी थी जबकि अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है।

किसानों ने दावा किया कि हरियाणा पुलिस के कर्मियों ने आंसू गैस के गोले के अलावा रबड़ की गोलियां भी चलाई।

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान 13 फरवरी से अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली, मिनी-वैन और पिकअप ट्रक के साथ सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।

विरोध स्थलों पर खुदाई करने वाले यंत्रों और ट्रैक्टरों सहित मिट्टी हटाने वाले बुलडोजर आदि उपकरण देखे गए। पुलिस ने चेतावनी दी कि इनका उपयोग अवरोधक को तोड़ने और सुरक्षा कर्मियों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

किसान नेताओं के साथ आखिरी दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी।

पुलिस ने कुछ किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जो शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर बैरिकेड की ओर बढ़ रहे थे।

हरियाणा में अंबाला के पास शंभू में कम से कम तीन राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए। वहां, सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल की।

आंदोलन में शामिल कई किसानों ने खुद को गैस से बचाने के लिए मास्क और चश्मे पहने हुए थे।

पुलिस द्वारा अवरोधकों के दूसरी ओर किसानों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

कृषि मंत्री मुंडा ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की अपील की है। उन्होंने एमएसपी समेत सभी मुद्दों पर पांचवें दौर की बातचीत के लिए नेताओं को आमंत्रित किया है।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शंभू में आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए उनसे कहा कि अगर वे जीतना चाहते हैं तो शांति बनाए रखें। उन्होंने किसानों से सवाल किया, ‘क्या आप जीतना चाहते हैं या नहीं?’

उन्होंने निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों की ‘जीत’ का भी उल्लेख किया। डल्लेवाल ने किसानों को आगाह किया कि वे ऐसे तत्वों से सावधान रहें जो आंदोलन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

किसान नेता ने इससे पहले दिन में संवाददाताओं से कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। उन्होंने कहा,’हमारा इरादा शांति भंग करना नहीं है।’

डल्लेवाल ने केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों पर ”देरी करने की रणनीति” अपनाने का आरोप लगाते हुए कि उसे किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए। उन्होंने किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदुओं पर अवरोधक लगाने के लिए भी सरकार की निंदा की।

हरियाणा पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मिट्टी खोदने वाली मशीनों के मालिकों से कहा कि वह प्रदर्शन स्थल से अपनी मशीनें हटाएं, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पोकलेन, जेसीबी के मालिकों और ऑपरेटर के लिए : कृपया अपने उपकरण प्रदर्शनकारियों को उपलब्ध न कराएं और उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाएं क्योंकि उनका सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक गैर-जमानती अपराध है और आपको आपराधिक रूप से जवाबदेह ठहराया जा सकता है।’’

हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उपकरणों को जब्त करने को कहा, जिन्हें दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पंजाब में अपने समकक्ष गौरव यादव को एक तत्काल पत्र में कहा था कि यह उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा किसानों की मांगों को स्वीकार कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ कूच का नेतृत्व कर रहे हैं।

किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, मुंडा और नित्यानंद राय के बीच आठ, 12, 15 और 18 फरवरी को बातचीत हुई है।

किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

भाषा अभिषेक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)