तेरहवीं की तैयारी कर रहा था बेटा, तभी जिंदा हो उठा बाप, फिर जो हुआ उसे सुनकर हिल जाएंगे आप

Amazing news : यूपी के शाहजहांपुर जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हिल जाएंगे । सोचने पर विवश हो जाएंगे।

तेरहवीं की तैयारी कर रहा था बेटा, तभी जिंदा हो उठा बाप, फिर जो हुआ उसे सुनकर हिल जाएंगे आप

Father got alive after 13 days family was shocked in Shahjahanpur UP 

Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: September 1, 2022 10:15 pm IST

Amazing news : यूपी के शाहजहांपुर जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हिल जाएंगे । सोचने पर विवश हो जाएंगे। सोचेंगे भला ये कैसे हो सकता है पर ये सौ प्रतिशत सच्चाई है। शाहजहांपुर जिले से एक युवक अपने पिता की मौत के बाद तेरहवीं की तैयारी कर रहा था, तभी युवक के चचेरे चाचा के फोन पर अस्पताल से फोन आया कि युवक का पिता जिंदा है। ये सुनते ही पूरा परिवार हिल गया।

मामला थाना चौक कोतवाली इलाके का है, जहां 22 अगस्त को 60 वर्षीय व्यक्ति का अज्ञात शव कोतवाली पुलिस को मिला था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और शाम को ही खीरी जनपद के पसगवां गांव के रहने वाले इंद्र कुमार ने अज्ञात शव की पहचान अपने पिता रनालाल के रूप में की थी। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद वह शव अपने घर ले गए और वहां अंतिम संस्कार कर दिया।

बताया जाता है कि युवक ने अज्ञात शव को अपने पिता को समझकर घर ले गए और उनका अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद पिता की तेरहवीं की तैयारियां शुरू कर दीं। इस दौरान पता चला कि उसके पिता जीवित हैं और शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में एक माह से भर्ती होकर अपनी टूटी टांग का इलाज करा रहे हैं। पुलिस अपनी गलती और लापरवाही को सुधारने में जुटी गई है। इस अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाली घटना के बाद अस्पताल में भर्ती जीवित पिता को देखकर लोग हैरान हैं, वहीं अब पुलिस अपनी गलती और लापरवाही को सुधारने में जुटी गई है।

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22 अगस्त को 60 वर्षीय व्यक्ति का अज्ञात शव कोतवाली पुलिस को मिला था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और शाम को ही खीरी जनपद के पसगवां गांव के रहने वाले इंद्र कुमार ने अज्ञात शव की पहचान अपने पिता रनालाल के रूप में की। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद वह शव अपने घर ले गए और वहां अंतिम संस्कार कर दिया। पिता की तेहरवीं के दिन चचेरे भाई के अस्पताल के ही एक मरीज का फोन आया। जिसमें उसने बताया कि रनालाल यहां अस्पताल में भर्ती हैं और उनका पैर टूटा हुआ है। खबर चलते ही जब घरवाले अस्पताल पहुंचे तो पिता रना लाल को जिंदा देखकर सभी लोग सन्न रह गए। खबर लगते ही जिंदा रना लाल को देखने के लिए मरीज मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों की भीड़ लग गई।

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पिता को जीवित देखने के बाद बेटे इंद्र कुमार ने थाना कोतवाली पहुंचकर पुलिस को लिखित में बताया कि उनके पिता एक माह से लापता थे और जो शव मिला था, उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और चेहरा भी साफ नहीं था इसलिए पहचानने में गलती हो गई। उनके पिता जीवित हैं। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले में नया पेच फंस गया है। असल में जिस मृतक का अंतिम संस्कार किया गया था वह कौन था?

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