भुवनेश्वर, 31 दिसंबर (भाषा) ओडिशा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-भुवनेश्वर में पहली बार पुरी जिले के 37 वर्षीय एक व्यक्ति का सफलतापूर्वक यकृत का प्रत्यारोपण किया गया है। अस्पताल के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एम्स-भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने यहां बताया कि चिकित्सकों की एक टीम द्वारा 20 दिसंबर को यकृत प्रत्यारोपण किया गया था और मरीज की हालत बेहतर है।
यकृत दान करने वाला व्यक्ति मरीज का छोटा भाई है और उसकी भी स्थिति में सुधार हुआ है। यकृत दान करने वाले को इस सप्ताह की शुरुआत में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
उन्होंने बताया कि 30 वर्षीय व्यक्ति ने बिना किसी वित्तीय या भौतिक लाभ के विशुद्ध रूप से प्रेम और स्नेह के कारण स्वेच्छा से अपने यकृत का एक हिस्सा दान किया।
यह सर्जरी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा की गई, जिसका नेतृत्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रमुख डॉ. ब्रह्मदत्त पटनायक ने किया। उन्होंने बताया कि टीम में 50 से अधिक सदस्य थे और इस प्रक्रिया को पूरा करने में उन्हें 14 घंटे का समय लगा।
उन्होंने बताया कि एम्स में यकृत प्रत्यारोपण कार्यक्रम की परिकल्पना 2023 में की गई थी और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) 21 फरवरी, 2025 को चालू हो गया था।
भाषा रवि कांत रवि कांत माधव
माधव