बेंगलुरु, तीन फरवरी (भाषा) दूसरे कर्नाटक प्रशासनिक सुधार आयोग ने गंभीर और मध्यम रूप से कुपोषित बच्चों को सप्ताह में पांच अंडे देने की सिफारिश की है।
पूर्व मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर के एक सदस्यीय आयोग ने सभी विभागों के सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की।
भास्कर ने 11 पन्नों के एक प्रेस नोट में अपनी 17 सूत्री सिफारिशों में एमबीबीएस की सरकारी कोटे की सीट पर सरकारी स्कूल के बच्चों के खराब प्रतिनिधित्व का संज्ञान लिया।
आयोग ने कहा, “गंभीर रूप से कुपोषित (एसएएम) और मध्यम रूप से कुपोषित (एमएएम) छह महीने से तीन साल के बच्चों को अब प्रति सप्ताह दो के बजाय प्रति सप्ताह पांच अंडे दिए जा सकते हैं। इसके अलावा सामान्य बच्चों को प्रति सप्ताह दो अंडे दिए जा सकते हैं।’’
इसने कहा कि 15-18 वर्ष आयु वर्ग की स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए योजना को वर्तमान में दो जिलों से सरकारी वित्तपोषण के साथ सभी जिलों तक बढ़ाया जा सकता है।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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