नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत, खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत होगा आरंभ

नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत, खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत होगा आरंभ

नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत, खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत होगा आरंभ
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: October 31, 2019 1:55 am IST

नई दिल्ली । नहाय-खाय के साथ 31 अक्टूबर से चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। व्रतियों ने भी पूजा की तैयारी पूरी कर ली है। चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ आज यानि गुरुवार से शुरू हो गया है। 1 नवंबर को खरना और 2 नवंबर को सूर्य भगवान को पहला संध्याकालीन अर्ध्य दिया जाएगा। खरना के बाद छठ वर्ती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखेंगे।

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नहाय-खाय को लेकर नदी और तालबों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। सुबह से ही छठ व्रती और इनके परिजन पहुंचने लगेंगे।स्नान से पहले व्रती दातून करेंगे। व्रती प्रसाद बनाने के लिए गेहूं भी सुखाएंगे। प्रसाद बनाने के लिए बर्तन धोए जाएंगे और नदियों का जल भरकर घर ले जाएंगे।

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नहाय-खाय पर छठ व्रती नदी स्नान करेंगे और अरवा चावल, चने की दाल व कद्दू की सब्जी ग्रहण करेंगे। नहाय-खाय के दिन खासतौर पर कद्दू की सब्जी बनायी जाती है व व्रती इसे ग्रहण करते हैं। कद्दू में पर्याप्त मात्रा में जल रहता है। लगभग 96 फीसदी पानी होता है। इसे ग्रहण करने से कई तरह की बीमारियां खत्म होती हैं। वहीं चने की दाल भी ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि चने की दाल बाकी दालों में सबसे अधिक शुद्ध होता है।

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