कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
Modified Date: March 29, 2025 / 08:12 pm IST
Published Date: March 29, 2025 8:12 pm IST

जम्मू, 29 मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थानों पर पूरे सम्मान के साथ किया गया।

अंतिम संस्कार में शामिल अधिकारियों ने क्षेत्र से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।

जम्मू के अखनूर सेक्टर के मट्टू-खौर निवासी हेड कांस्टेबल जगबीर सिंह और तीन कांस्टेबल-रियासी के चंबा-पंथल के रहने वाले तारिक अहमद, काना चक के बलविंदर सिंह चिब और कठुआ के जसवंत सिंह बृहस्पतिवार को सफियान वन क्षेत्र में दो दिन तक चली मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गये थे।

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मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से तीन पुलिसकर्मियों के शव शुक्रवार शाम बरामद किए गए थे जबकि जगबीर सिंह का शव शनिवार सुबह मिला।

अधिकारियों के मुताबिक हजारों लोग इन पुलिसकर्मियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उनकी बहादुरी की प्रशंसा में नारे लगाए। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाए गए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं सांसद जुगल किशोर शर्मा और जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र रैना कांस्टेबल अहमद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अहमद के परिवार में उनकी पत्नी, चार वर्षीय बेटी और बुजुर्ग माता-पिता हैं।

पुलिस उप महानिरीक्षक (उधमपुर-रियासी रेंज) रईस मोहम्मद भट नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए और अहमद की कब्र पर फूल चढ़ाए।

भट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “बलिदान की यह गाथा बहुत लंबे समय से चली आ रही है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हमने कई हीरे खो दिए हैं और हमें उनके बलिदान पर गर्व है।”

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता।

सांसद जुगल किशोर शर्मा ने पुलिसकर्मियों के बलिदान को सलाम करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने आंतरिक संकटों से ध्यान भटकाने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भेज रहा है।

उन्होंने कहा, “आतंकवाद की रीढ़ टूट चुकी है और यह अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। इसे जल्द ही जड़ से उखाड़ दिया जाएगा।”

बलविंदर सिंह चिब और जसवंत सिंह का भी पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वर्ष 1997 में पुलिस में भर्ती हुए जगबीर सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और बेटा हैं।

भाषा पारुल देवेंद्र

देवेंद्र


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