डेल्टा जैसी खतरनाक हो सकती है कोरोना की चौथी लहर? वैज्ञानिक ने दिया ये जवाब
देश में कोरोना की तीसरी लहर अब धीमी हो गई है। अलग-अलग राज्यों से मिल रहे मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है। संक्रमण में कमी आने के बाद अब राज्यों ने लभभग सभी पाबंदियों को खत्म कर दिया है। इसी बीच अब वैज्ञानिकों ने चौथी लहर आने की संभावना जताई है।
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नई दिल्लीः Fourth wave of corona देश में कोरोना की तीसरी लहर अब धीमी हो गई है। अलग-अलग राज्यों से मिल रहे मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है। संक्रमण में कमी आने के बाद अब राज्यों ने लभभग सभी पाबंदियों को खत्म कर दिया है। इसी बीच अब वैज्ञानिकों ने चौथी लहर आने की संभावना जताई है। IIT Kanpur के वैज्ञानिक कैलकुलेशन निकाल चुके हैं कि कोरोना की अगली लहर दुनिया मई से जून के बीच आएगी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन पहले ही चेता चुका है कि ओमिक्रॉन आखिरी वैरियंट नहीं है। इसके बाद होने वाले म्यूटेशन और ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। अब एक्सपर्ट ने बताया है कि चौथी लहर कितनी खतरनाक हो सकती है। कोविड की अगली वेव अल्फा या डेल्टा जैसी सीवियर हो सकती है।
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Fourth wave of corona वैज्ञानिक पहले भी कह चुके हैं कि कोरोना हमारे बीच ही है। इसके वैरियंट्स आते रहेंगे। अब यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनेबर्ग से वायरस के इवॉल्यूशन की पढ़ाई करने वाले वैज्ञानिक Andrew Rambaut ने जर्नल Nature को बताया कि बहुत संभव है कि चौथी लहर में कोरोना डेल्टा या अल्फा लीनिएज (वंशावली) का हो। उन्होंने बताया कि इसमें इम्यून सिस्टम को भेदने की पर्याप्त क्षमता हो सकती है ताकि ओमिक्रॉन को पछाड़ सके।
वहीं कुछ वैज्ञानिक यह उम्मीद भी जता रहे हैं कि साल 2022 के आखिर तक कोरोना धीरे-धीरे सामान्य वायरस की तरह सीजनल वायरल में बदल जाए। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि चौथी लहर कितनी खतरनाक होगी यह बात वैरियंट के टाइप, यह कितनी तेजी से मल्टिप्लाई हो रहा है और कितने लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं, इस पर भी निर्भर करेगी। डॉक्टर्स का कहना है कि जिन्होंने सेकंड डोज नहीं लगवाई, उन्हें लगवा लेनी चाहिए। वहीं हेल्थ वर्कर्स, सीनियर सिटीजन्स और जिन्हें बीमारी के चलते ज्यादा खतरा है वे बूस्टर डोज ले लें। वहीं कोरोना से बचाने का बेस्ट तरीका मास्क है जो लंबे वक्त तक साथ रहेगा।

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