Publish Date - May 22, 2025 / 10:08 AM IST,
Updated On - May 22, 2025 / 10:08 AM IST
PL-15 Missile/Image Credit: ANI
HIGHLIGHTS
फ्रांस-जापान ने भारत से मांगा चीनी मिसाइल PL-15 का मलबा
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर दागा था मिसाइल
फ्रांस और जापान इस मिसाइल के मलबे की जांच करना चाहते हैं
PL-15 Missile: नई दिल्ली। फ्रांस-जापान ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत तबाह किए गए चीनी मिसाइल PL-15 का मलबा मांगा है। मालूम हो कि, भारतीय वायुसेना (IAF) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की PL-15E मिसाइल को अपने एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह कर दिया था। यह मिसाइल चीन में बनी थी।
फ्रांस और जापान इस मिसाइल के मलबे की जांच करना चाहते हैं ताकि मालूम हो सके कि चीन ने किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। देश मिसाइल के रडार, मोटर, गाइडेंस सिस्टम और एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली, स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार टेक्नीक को रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए समझेंगे।
PL-15 Missile: बता दें कि, 9 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले में एक खेत से PL-15E मिसाइल के टुकड़े बरामद किए गए थे। इसके बाद 12 मई को IAF ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार इसका मलबा दिखाया था। IAF के एक अधिकारी ने बताया कि, पाकिस्तान ने JF-17 लड़ाकू विमान से चीन में बनी PL-15E मिसाइल दागी थी। लेकिन उसे हवा में ही नाकाम कर दिया गया, जिससे वह अपने निशाने तक नहीं पहुंच सकी।
PL-15 एक चीन द्वारा विकसित लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल है, जो AESA रडार तकनीक से लैस होती है और अत्याधुनिक गाइडेंस सिस्टम का उपयोग करती है। हाल ही में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में PL-15 मिसाइल दागी, जो भारत में गिरी और उसका मलबा बरामद किया गया।
फ्रांस और जापान को इस मलबे में क्या दिलचस्पी है?
फ्रांस और जापान इस मिसाइल के मलबे की जांच करके यह पता लगाना चाहते हैं कि चीन ने इसमें कौन-सी मिलिट्री टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इसका उद्देश्य चीन की सैन्य क्षमताओं का विश्लेषण करना और संभावित खतरे का मूल्यांकन करना है।
PL-15 मिसाइल में कौन-कौन सी तकनीकें मौजूद हैं?
इस मिसाइल में AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार, ड्यूल पल्स रॉकेट मोटर, गाइडेंस सिस्टम (INS + डेटा लिंक + होमिंग रडार), हाई-ग टेक्नोलॉजी है, जो इसे जटिल युद्धक्षेत्र में भी लक्ष्य भेदने में सक्षम बनाती है।