गांधी कथा से लेकर धर्मनिरपेक्षवाद तक, आज की दुनिया में गांधीवादी उनके संदेशों को प्रसारित कर रहे हैं
गांधी कथा से लेकर धर्मनिरपेक्षवाद तक, आज की दुनिया में गांधीवादी उनके संदेशों को प्रसारित कर रहे हैं
नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) गांधी कथा का आयोजन करने से लेकर समाज में धर्मनिरपेक्षता और समानता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए अपने जीवन में महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करने वाले लोग आज की दुनिया में शांति और सौहार्द्र के उनके संदेशों को लगातार प्रसारित कर रहे हैं।
महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शुक्रवार को मशहूर वक्ता शोभना राधाकृष्ण ने गांधी कथा का आयोजन कर गांधीवादी संदेशों को प्रसारित करने का तरीका निकाला है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘चूंकि गांधी का दर्शन सत्य, अहिंसा, नैतिक नेतृत्व, नैतिक एवं आध्यात्मिक जीवन पर आधारित है जो लोगों को सीखने के लिए महत्वपूर्ण है। गांधी कथा के माध्यम से मैं इसे लोगों तक पहुंचा रही हूं।’’
गांधीवादी दर्शन की विशेषज्ञ ने कहा कि गांधी कथा ने लोगों को उन्हें समझने और प्रेरित होने में सक्षम बनाया है।
महात्माा गांधी के सेवाग्राम आश्रम, वर्द्धा में पली-बढ़ी 65 वर्षीय वक्ता का कहना है कि वहीं उनमें गांधी के सिद्धांतों की जड़ें गहरी हुईं।
उधर, 64 वर्षीय कार्यकर्ता उत्तम परमार का मानना है कि उनका जन्म दूसरी बार हुआ है — एक उनका जैविक जन्म और दूसरा जब उन्हें गांधी के सिद्धांतों का ज्ञान हुआ।
गांधी विद्यापीठ के न्यासी परमार ने कहा, ‘‘हमारी पांच हजार वर्ष पुरानी संस्कृति है। हर मानव को पहले नागरिक बनना चाहिए और देश के नागरिक के तौर पर अपने अधिकार प्राप्त करने चाहिए और ऐसा कहने वाले पहले व्यक्ति गांधी थे। अन्य लोगों ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी लेकिन गांधी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का नागरिक के तौर पर अधिकार होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गांधीजी ने समानता, धर्मनिरपेक्षता लाकर समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इन सिद्धांतों का मैं अपनी रोजाना जिंदगी में पालन करता हूं और लोगों को उनका अनुपालन करने की शिक्षा देता हूं।’’
उधर, 80 वर्षीय शिक्षाविद सुदर्शन आयंगर ने न केवल गांधीजी के सिद्धांतों को अपनाया है बल्कि उनकी जीवनशैली को भी अपनाया है और पिछले 60 वर्षों से वह खादी पहन रहे हैं।
भाषा नीरज शाहिद
शाहिद

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