नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) केंद्र सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की पूर्व अनुमति श्रेणी के तहत विदेश से धन प्राप्त करने वाले किसी संगठन को इसे चार साल के भीतर खर्च करना होगा।
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एफसीआरए के तहत पंजीकृत कोई भी संगठन आवेदन करके पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद ही कोई विदेशी योगदान स्वीकार कर सकता है।
अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी पूर्व अनुमति उन विशिष्ट गतिविधियों या परियोजनाओं के लिए मान्य होगी जिनके लिए वह प्राप्त की गई है तथा विशिष्ट स्रोत से ली गई है।
अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने एफसीआरए की धारा 46 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश दिया है कि विदेश से अंशदान प्राप्त करने और इस्तेमाल करने की वैधता अवधि पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की मंजूरी की तारीख से क्रमशः तीन और चार वर्ष होगी।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘विदेशी अंशदान प्राप्त करने की वैधता अवधि पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की स्वीकृति की तिथि से तीन वर्ष होगी। उक्त विदेशी अंशदान का उपयोग करने की वैधता अवधि पूर्व अनुमति के लिए आवेदन की स्वीकृति की तिथि से चार वर्ष होगी।’’
इसमें कहा गया है कि उपरोक्त समय सीमा के बाद विदेशी अंशदान की प्राप्ति या उपयोग एफसीआरए, 2010 का उल्लंघन माना जाएगा।
भाषा आशीष संतोष
संतोष