जी20 सम्मेलन: ‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी में भारत की सभ्यतागत विरासत को दर्शाया गया |

जी20 सम्मेलन: ‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी में भारत की सभ्यतागत विरासत को दर्शाया गया

जी20 सम्मेलन: ‘लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी में भारत की सभ्यतागत विरासत को दर्शाया गया

:   Modified Date:  September 9, 2023 / 08:59 PM IST, Published Date : September 9, 2023/8:59 pm IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार की कहानी को जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर इसकी समृद्ध सभ्यतागत विरासत से लिए गए तत्वों और अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।

‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ शीर्षक वाली एक प्रदर्शनी में प्राचीन ग्रंथों की विषय वस्तुओं और चित्रों को डिजिटल पैनलों पर चित्रित किया गया है। इसे भारत मंडपम परिसर के हॉल नंबर 14 में स्थापित किया गया है, जहां शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन शुरू हुआ।

उसी हॉल में प्रतिनिधि कार्यालय भी स्थापित किए गए हैं। कई प्रतिनिधियों को भारत की प्राचीन विरासत पर तकनीक-संचालित प्रदर्शनी देखने का अवसर भी मिला।

आगंतुकों का एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-जनित ‘अवतार’ द्वारा स्वागत किया जाता है, जिसमें पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने एक महिला को दर्शाया गया है।

एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वह हाथ जोड़कर इशारा करती है और इसके बाद आगंतुक उन 16 वैश्विक भाषाओं में से किसी एक का चयन कर सकते हैं जिसमें वे चाहते हैं कि ‘अवतार’ उनका मौखिक रूप से अभिवादन करे।

इन भाषाओं में अंग्रेजी, फ्रेंच, मंदारिन, इतालवी, कोरियाई और जापानी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में वैदिक काल से लेकर आधुनिक युग तक भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को दिखाया गया है।

पाठ्य सामग्री, इसके ऑडियो के साथ ‘16 वैश्विक भाषाओं’ में प्रस्तुत की गई है। भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार के इतिहास को ‘26 इंटरैक्टिव स्क्रीन’ के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है।

एक विशाल डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है जो कई विदेशी भाषाओं में प्रदर्शनी का शीर्षक बताती है।

प्रदर्शनी में जयपुर का हवा महल, आगरा का ताजमहल, नई दिल्ली का इंडिया गेट, मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया, मध्य प्रदेश का सांची स्तूप, तमिलनाडु का मीनाक्षी मंदिर और गुजरात का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित भारत के कुछ प्रतिष्ठित विरासत स्थलों को भी दिखाया गया है।

प्राचीन ग्रंथों और हिंदू धर्म के ग्रंथों जैसे वेद, बौद्ध धर्म और प्राचीन राजाओं के नियमों की विरासत में अंतर्निहित लोकतांत्रिक मूल्यों से ली गई तस्वीरों और ग्रंथों को पूरी तरह से डिजिटल कलाकृतियों में चित्रित किया गया है।

प्रदर्शनी महाकाव्य रामायण और महाभारत में अंतर्निहित ज्ञान का भी जश्न मनाती है।

प्रदर्शनी क्षेत्र में हॉल के केंद्र में एक घुमावदार ऊंचे पोडियम पर हड़प्पा कालीन लड़की की मूर्ति की एक प्रतिकृति रख गई है।

इस मूर्ति की वास्तविक ऊंचाई 10.5 सेमी है, लेकिन इसकी कांस्य प्रतिकृति को प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार द्वारा पांच फुट ऊंचा और 120 किलोग्राम वजनी बनाया गया है।

भारत की चुनावी परंपराओं और उसकी आधुनिकता को भी प्रदर्शित किया गया है। इसमें आजादी के बाद हुए पहले आम चुनाव से लेकर 2019 के लोकसभा चुनावों तक को डिजिटल तकनीक से दर्शाया गया है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र संतोष

संतोष

 

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