Girl student attempt suicide: मां की मौत के बाद सुसाइड कर रही थी छात्रा, मौके पर पहुंचे एसीपी ने कहा- तुम्हारा भाई हूं राखी बांध दो…और फिर
Girl student attempt suicide: इंदिरापुरम के न्याय खंड-1 में गुरुवार देर शाम पिता की डांट से नाराज होकर 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा गुस्से में चौथी मंजिल पर जाकर खुदकुशी करने का प्रयास करने लगी।
Girl student attempt suicide: गाजियाबाद। रक्षाबंधन के दिन पुलिस अधिकारी ने इंसानियत की एक नई मिसाल पेश की है। शहर के एसीपी ने गुरुवार देर शाम खुदकुशी के इरादे से चौथी मंजिल पर चढ़ी 10वीं की एक छात्रा की जिंदगी बचा ली। उन्होंने छात्रा से कहा कि मैं आपका भाई हूं, मुझे राखी बांध दो,किसी बात की चिंता मत करो, कुछ भी हो जाए मैं हमेशा तुम्हारे लिए खड़ा रहूंगा। बस मेरी बात मानो और नीचे उतर आओ। छात्रा ने भी एसीपी में अपने भाई को देखा और उनकी बात मान हठ छोड़कर नीचे आ गई।
बता दें कि इंदिरापुरम के न्याय खंड-1 में गुरुवार देर शाम पिता की डांट से नाराज होकर 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा गुस्से में चौथी मंजिल पर जाकर खुदकुशी करने का प्रयास करने लगी। जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी हुई, बिल्डिंग के नीचे भीड़ जमा हो गई। इस बीच छात्रा के परिजन और आसपास के लोग दौड़कर छत पर पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्रा नीचे उतरने को तैयार नहीं हुई। वह बस रोए जा रही थी। करीब 2 घंटे तक छात्रा को लोग समझाते रहे लेकिन वह छत से हटी नहीं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
महीने भर पहले हुई थी मां की मौत
पुलिस के मुताबिक, छात्रा की मां की करीब डेढ़ महीने पहले ही मौत हुई है। इसकी वजह से वह काफी अकेलापन महसूस कर रही थी। गुरुवार को पिता ने पढ़ाई को लेकर उसे डांट दिया। इससे वह गुस्से में आ गई और बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर चली पहुंची और जोर जोर से चिल्लाने लगी। बीच बीच में वह रो भी रही थी। बिल्डिंग में रहने वालों की नजर छात्रा पर पड़ी तो वे उसे छत से हटाने दौड़े। इस पर छात्रा ने कहा कि उसके करीब अगर कोई आया तो वह कूद जाएगी।
‘तुम्हारा बड़ा भाई हूं, मुझे राखी बांध दो’
बिल्डिंग के नीचे हंगामा होते देख पास में स्थित अभय खंड चौकी से कुछ पुलिसकर्मी वहां दौड़कर पहुंचे। कुछ लोगों ने छात्रा को बातों में उलझाए रखा, इस दौरान पुलिसकर्मी बगल वाली बिल्डिंग से होते हुए किशोरी के करीब पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन वह नीचे उतरने को राजी नहीं हुई।
इस बीच एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। वह दौड़कर बगल वाली बिल्डिंग की छत पर पहुंचे और छात्रा को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बेटा मैं यहां का एसीपी हूं, तुम किसी बात की चिंता मत करो, मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूं, तुम्हें कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि बड़ा भाई पिता के समान होता है, मेरी बात मान आजा मुझे राखी बांध दे। उन्होंने कहा कि देखो ये आपके इंस्पेक्टर हैं, हम दोनों आपसे आज राखी बंधवाएंगे। इतना सुनकर छात्रा रोने लगी और उनकी बात मानकर छत से नीचे आ गई।

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