वैश्विक भूख सूचकांक भारत की सही स्थिति को नहीं दर्शाता : स्मृति ईरानी

वैश्विक भूख सूचकांक भारत की सही स्थिति को नहीं दर्शाता : स्मृति ईरानी

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  • Publish Date - December 21, 2022 / 06:31 PM IST,
    Updated On - December 21, 2022 / 06:31 PM IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) भारत की सही स्थिति को नहीं दर्शाता है क्योंकि यह भूख का दोषपूर्ण मापदंड है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक भूख सूचकांक 2022 के अनुसार भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर है और यह भारत की सही स्थिति को नहीं दर्शाता है क्योंकि यह भूख का दोषपूर्ण मापदंड है। इसे अंकित मूल्य पर नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह न तो उपयुक्त है और न ही किसी देश में प्रचलित भूख का प्रतिनिधित्व करता है।’’

ईरानी ने कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक के चार संकेतकों में से केवल एक संकेतक -अल्पपोषण सीधे तौर पर भूख से संबंधित है। उन्होंने कहा कि दो संकेतक – ठिगनापन और दुबलापन – स्वच्छता, आनुवंशिकी, पर्यावरण जैसे विभिन्न अन्य कारकों तथा भूख के अलावा खाद्य सामग्री के उपयोग के परिणाम हैं, जिसे जीएचआई में ठिगनेपन और दुबलेपन के लिए परिणामी कारक के रूप में लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस बात का शायद ही कोई साक्ष्य है कि चौथा संकेतक अर्थात बाल मृत्यु भूख का परिणाम है।

भाषा अविनाश माधव

माधव