कीमतों में बढ़ोतरी से केरल हवाई अड्डों पर सोने की तस्करी की गतिविधियां फिर बढ़ी

कीमतों में बढ़ोतरी से केरल हवाई अड्डों पर सोने की तस्करी की गतिविधियां फिर बढ़ी

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  • Publish Date - October 13, 2025 / 10:38 AM IST,
    Updated On - October 13, 2025 / 10:38 AM IST

तिरुवनंतपुरम, 13 अक्टूबर (भाषा) कुछ समय की शांति के बाद सोने के तस्कर फिर से सक्रिय हो गए हैं और केरल के हवाई अड्डों पर तस्करी की गतिविधियां बढ़ गई हैं।

सीमा शुल्क और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने रविवार को तिरुवनंतपुरम और कोच्चि हवाई अड्डों पर तस्करी का सोना जब्त किया।

तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुंचे एक यात्री से 360 ग्राम सोना जब्त किया गया। वहीं, कोच्चि के सीमा शुल्क (निवारक) आयुक्तालय द्वारा जारी एक बयान में अधिकारियों ने कहा कि हाल में हवाई अड्डे के माध्यम से सोने की तस्करी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

बयान में कहा गया है, ‘‘रुझान सोने की तस्करी में फिर से वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। प्रतीत होता है कि सोने की ऊंची कीमतों के कारण तस्करी की गतिविधियां बढ़ी हैं।’’

सीमा शुल्क के अनुसार, पिछले सप्ताह तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर अलग-अलग घटनाओं में 1.6 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के प्रयास में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।

बयान में कहा गया है, ‘‘तस्कर अपने शरीर या कपड़ों में सोना छिपाने के अनोखे तरीके अपना रहे हैं। सोने को मोतियों या मनकों के हार के रूप में छिपाने का भी एक मामला सामने आया है।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘सीमा शुल्क विभाग सतर्क है और तस्करी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए हवाई अड्डों पर अपनी निगरानी और प्रवर्तन उपायों को और मजबूत कर रहा है।’’

डीआरआई ने रविवार को कोच्चि हवाई अड्डे पर एक विमान में लावारिस हालत में पड़ा 630 ग्राम सोना बरामद किया।

सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जुलाई के बीच केरल में लगभग 32 करोड़ रुपये मूल्य के 40.6 किलोग्राम सोने की जब्ती के 87 मामले सामने आए।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने के बाद सोने की तस्करी में कमी आई थी, लेकिन सोने की कीमतों में हालिया वृद्धि के कारण यह रुझान उलटता दिख रहा है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मौजूदा उछाल सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है। कीमत कम होने पर तस्करी में भी कमी आने की संभावना है।’’

भाषा सुरभि वैभव

वैभव