काम के वक्त फोन में निजी बात करने वाले सरकारी कर्मचारियों की अब खैर नहीं, हाईकोर्ट ने कार्रवाई के लिए नियम बनाने के दिए निर्देश

मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार (15 मार्च) को कहा कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के फोन पर निजी बात करने पर रोक लगनी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने मंगलवार को आदेश दिया कि सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। Government employees who talk privately on the phone during work are no longer well, the High Court has given instructions to make rules for action

काम के वक्त फोन में निजी बात करने वाले सरकारी कर्मचारियों की अब खैर नहीं, हाईकोर्ट ने कार्रवाई के लिए नियम बनाने के दिए निर्देश

Government employees who talk privately

Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: March 16, 2022 1:44 pm IST

नई दिल्ली। Government employees who talk privately : मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार (15 मार्च) को कहा कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के फोन पर निजी बात करने पर रोक लगनी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने मंगलवार को आदेश दिया कि सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट ने इसके सम्बन्ध में तमिलनाडु सरकार को नियम बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

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Government employees who talk privately : स्वास्थ्य विभाग की एक कर्मचारी ने कार्यस्थल पर मोबाइल के प्रयोग के कारण निलंबन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम ने यह आदेश दिया। जस्टिस सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी कर्मियों द्वारा काम के दौरान फोन का निजी इस्तेमाल करना एक सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है, जोकि गलत है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि इसके संबंध में नियम बनायें और गड़बड़ी करने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करें।

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अपने निलंबन के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली महिला को भी कोर्ट ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। राधिका त्रिची हेल्थ जोनल में वर्क सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थी और वो कार्यस्थल पर मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहीं थीं, जिसके कारण सम्बंधित विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।

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बता दें कि फोन के इस्तेमाल पर रोक का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियो के फोन ले जानें पर पाबंदी लगा दी थी। योगी सरकार ने जून 2019 में एक आदेश जारी किया था कि बैठक में फोन लाने से कार्य में बाधा उत्पन्न होती है, क्योंकि फोन की घंटी बजती है, संदेश आते हैं जिससे समय भी खराब होता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com