नयी दिल्ली, Government will deliver liquor to homes सरकार की प्रेस ईकाई ने रोज़ाना शराब पीने वालों को पाइप से शराब की अपूर्ति करने को लेकर सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे पोस्ट को ‘फेक न्यूज़’ (फर्जी खबर) बताया है। प्रेस एवं सूचना ब्यूरो (पीआईबी) फैक्टचैक ने ट्विटर पर इस तरह के पोस्ट को खारिज किया जो कहता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को 11 हजार रुपये का भुगतान करने पर रोज़ाना शराब पीने वालों को पाइपलाइन के जरिए शराब की आपूर्ति की जाएगी। पीआईबी ने पोस्ट को फेक न्यूज़ बताया और कहा, ‘ अपनी उम्मीदों को इतना मत बढ़ाओ” तथा एक मीम भी साझा किया।
Read more : संगीत जगत को बड़ा झटका, बॉलीवुड के इस मशहूर सिंगर का निधन, पिछले कई दिनों से चल रहे थे बीमार
Government will deliver liquor to homes दरअसल, मामला ये है कि एक फॉर्म वायरल किया जा रहा है। इसमें लिखा है कि भारत सरकार, शराब की पाइप लाइन कनेक्शन हेतु आवेदन… इसके नीचे बाकायदा नियम और कानून भी बताए गए हैं। इसमें लिखा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने रोज शराब पीने वालों के लिए शराब की पाइप लाइन कनेक्शन देने का आवेदन किया है। जो भी इच्छुक हो वो 11 हजार रूपये का डिमांड ड्राफ्ट के साथ इस आवेदन पत्र को भरकर प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा कराएं। जिस भी खलिहर इंसान ने ये काम किया है, उसको सही से हिंदी भी लिखनी नहीं आती। आगे वो लिखता है कि आवेदन पत्र प्राप्त होने के एक महीने बाद निरीक्षण करके आपके घर पर मीटर के साथ शराब की पाइप लाइन बिछा दी जाएगी। बाद में खपत के हिसाब से बिल आएगा।
Read more : मुकम्मल न हुई मोहब्बत तो प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखी ये बात
इसके बाद आवेदक का नाम, पता और फोटो भी मांगी गई है। इसके बाद यूजर्स ने खूब मजे लिए हैं। लोग पंचायत वेब सीरीज पार्ट 2 के खूब मीम्स शेयर कर रहे हैं। इस मामले में पीआईबी ने भी मजे लिए हैं। पीआईबी ने लिखा है कि चिल गाइज। अपनी आशाओं को अब इतनी भी ऊंचाइयों पर मत ले जाइये। लोग इस ट्वीट पर काफी मजे ले रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि जिसने 11000 रूपये डीडी बनाकर दे दिये होंगे वो क्या करेंगे। और भी लोग इसमें मीम्स वायरल कर रहे हैं।
Read more : पत्नी के प्रेग्नेंट होते ही टूटा दुखों का पहाड़, पति की हो गई मौत, फिर इस शख्स ने महिला के साथ…
Chill guys,
Don’t get your hopes too high‼️#PIBFactCheck pic.twitter.com/34zeYEKByq
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 18, 2022