सरकार ने 35 एफडीसी दवाओं के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया |

सरकार ने 35 एफडीसी दवाओं के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया

सरकार ने 35 एफडीसी दवाओं के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया

Edited By :  
Modified Date: April 16, 2025 / 03:27 PM IST
,
Published Date: April 16, 2025 3:27 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) शीर्ष औषधि नियामक संस्था सीडीएससीओ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को निर्देश दिया है कि वे अस्वीकृत की गईं 35 ‘फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन’ (एफडीसी) दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को रोकें जिनमें दर्द निवारक, पोषण संबंधी पूरक आहार और मधुमेह रोधी दवाएं शामिल हैं।

एफडीसी दवाएं वे हैं जिनमें एक निश्चित अनुपात में दो या अधिक फार्मास्युटिकल घटकों (एपीआई) का संयोजन होता है।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को ऐसी एफडीसी के लिए अपनी अनुमोदन प्रक्रिया की समीक्षा करने और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा नियमों के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।

नियामक ने यह निर्देश तब जारी किए जब उसने पाया कि कुछ एफडीसी दवाओं को सुरक्षा और प्रभावकारिता के पूर्व मूल्यांकन के बिना विनिर्माण, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दे दिया गया है, जिससे जन स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।

ग्यारह अप्रैल को भेजे गए पत्र में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ. राजीव रघुवंशी ने जनवरी 2013 में उनके कार्यालय द्वारा जारी पत्र का हवाला दिया है, जिसमें डीसीजीआई से उचित अनुमोदन के बिना देश में ‘‘नयी दवा’’ की परिभाषा के अंतर्गत आने वाली एफडीसी दवाओं की बिक्री के लिए विनिर्माण लाइसेंस प्रदान करने के संबंध में चिंता व्यक्त की गई थी।

समय-समय पर यही चिंता जताई गई है और संबंधित राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों को कई पत्र जारी किए गए हैं, जिन्होंने गैर-अनुमोदित एफडीसी के विनिर्माण और विपणन की अनुमति दी है। इस तरह का एक और पत्र इस वर्ष फरवरी में जारी किया गया था।

पत्र में कहा गया है, ‘‘निदेशालय के संज्ञान में आया है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अंतर्गत एनडीसीटी नियम 2019 के प्रावधान के अनुसार सुरक्षा और प्रभावकारिता के पूर्व मूल्यांकन के बिना ही कुछ एफडीसी दवाओं को विनिर्माण, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। इससे जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त के मद्देनजर, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों से अनुरोध है कि वे ऐसे एफडीसी के लिए अपनी अनुमोदन प्रक्रिया की समीक्षा करें और अधिनियम तथा नियमों के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।’’

पत्र में 35 अस्वीकृत एफडीसी की सूची भी दी गई है, जिन्हें पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा सुरक्षा और प्रभावकारिता के मूल्यांकन के बिना विनिर्माण, बिक्री और वितरण के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के औषधि नियंत्रकों द्वारा लाइसेंस दिया गया था और बाद में औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरणों (एसएलए) द्वारा रद्द कर दिया गया था ।

भाषा

देवेंद्र मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)