उचित मुआवजा दिए बिना सरकार को भूमि अधिग्रहण की अनुमति नहीं दी जा सकती: न्यायालय

उचित मुआवजा दिए बिना सरकार को भूमि अधिग्रहण की अनुमति नहीं दी जा सकती: न्यायालय

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  • Publish Date - November 22, 2024 / 09:03 PM IST,
    Updated On - November 22, 2024 / 09:03 PM IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उचित मुआवजा दिए बिना सरकार को लोगों की भूमि अधिग्रहण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हालांकि संपत्ति का अधिकार अब मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन यह अब भी एक संवैधानिक अधिकार है।

शीर्ष अदालत ने हिमाचल प्रदेश सरकार और अन्य की याचिकाएं खारिज कर दीं, जिनमें संबंधित उच्च न्यायालय के इस फैसले को चुनौती दी गई थी कि सरकार मुआवजा दिए बिना लोगों की भूमि पर कब्जा नहीं कर सकती।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हालांकि संपत्ति का अधिकार अब मौलिक अधिकार नहीं माना जाता, लेकिन यह अब भी एक संवैधानिक अधिकार है। उचित मुआवजा दिए बिना सरकार को लोगों की भूमि अधिग्रहण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’

पीठ ने कहा कि उसके सामने ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा पारित उन आदेशों को चुनौती दी है, जिनमें भूमि मालिकों को मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है।

पीठ ने कहा कि इन परिस्थितियों में, सरकार की याचिकाओं को कठोर जुर्माना लगाकर खारिज करना उचित होता।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, हम फिलहाल ऐसा करने से परहेज करते हुए इन याचिकाओं को खारिज करते हैं।’’

पीठ ने कहा कि भूमि मालिकों ने उच्च न्यायालय से शिकायत की थी कि सड़क के निर्माण के लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला।

भाषा जोहेब सुरेश

सुरेश