सरकार ने आरक्षण नीति को सही तरीके से लागू कर चुनावी वादा पूरा किया : उमर अब्दुल्ला

सरकार ने आरक्षण नीति को सही तरीके से लागू कर चुनावी वादा पूरा किया : उमर अब्दुल्ला

सरकार ने आरक्षण नीति को सही तरीके से लागू कर चुनावी वादा पूरा किया : उमर अब्दुल्ला
Modified Date: December 3, 2025 / 05:49 pm IST
Published Date: December 3, 2025 5:49 pm IST

जम्मू, तीन दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने और एक प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करने हेतु आरक्षण नीति को ‘सर्वोत्तम संभव तरीके’ से तर्कसंगत बनाया है।

उन्होंने हालांकि इस संबंध में विवरण देने से इनकार कर दिया।

उमर ने कहा कि प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है और जब तक फाइल को उनकी सहमति नहीं मिल जाती, तब तक इस पर आगे टिप्पणी करना अनुचित होगा।

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मुख्यमंत्री ने ‘दरबार मूव’ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू में पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।

‘दरबार मूव’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत सरकार छह महीने तक ग्रीष्मकाल में श्रीनगर में तथा शीतकाल में जम्मू में कार्य करती है।

पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा आरक्षित श्रेणी में और अधिक समुदायों को जोड़ने तथा केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में कोटा का विस्तार करने के निर्णय के बाद जम्मू-कश्मीर में आरक्षण एक प्रमुख मुद्दा बन गया है।

केंद्र शासित प्रदेश में आरक्षण कोटा बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने के केंद्र के कदम पर आपत्तियां बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष की घोषणाओं के बाद पहाड़ी और अन्य जनजातियों के लिए अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोटा बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण नीति कैबिनेट बैठक के एजेंडे में शामिल 22 मुद्दों में से एक है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमने द्वारका (दिल्ली) में नए ‘कश्मीर हाउस’ के निर्माण, सड़क एवं भवन विभाग में मुख्य अभियंताओं के प्रस्ताव जैसी कई चीजों पर चर्चा की। और आरक्षण के अलावा सहकारी समितियों को नये तरीके से कैसे पुनर्जीवित किया जाए।’’

पिछले वर्ष 10 दिसंबर को सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ उम्मीदवारों के विभिन्न वर्गों द्वारा उठाई गई शिकायतों पर विचार करने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था।

उप-समिति ने अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट भेजी और तदनुसार, रिपोर्ट और विधि विभाग द्वारा इसकी समीक्षा पूरी कर ली गई।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘माननीय उपराज्यपाल को भेजे जाने से पहले कैबिनेट बैठक के कार्यवृत्त पर टिप्पणी करना गलत होगा। मैं बस इतना कहूंगा कि हमने अपने वादे के अनुसार इसे तर्कसंगत बनाने की कोशिश की है। हमने यह भी कोशिश की है कि किसी के साथ अन्याय न हो।’’

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

नरेश


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